वैमानिका एयरोस्पेस के किसान ड्रोन – V10 को मिला डीजीसीए टाइप प्रमाणपत्र

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भारतीय विमानन नियामक महानिदेशालय के सभी मानकों पर खरा उतरा कंपनी का ड्रोन

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पटना। भारतीय ड्रोन निर्माता कंपनी वैमानिका एयरोस्पेस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कृषि कार्य के लिए कंपनी द्वारा बनाया गया किसान ड्रोन – V10 भारतीय विमानन नियामक महानिदेशालय (डीजीसीए) के सभी मानकों पर खरा उतरा है। इसलिए महानिदेशालय ने कंपनी को टाइप प्रमाणपत्र (टाइप सर्टिफिकेट) से नवाजा है। यह प्रमाणपत्र ड्रोन की सुरक्षा, विश्वसनीयता और प्रदर्शन को प्रमाणित करता है। किसान ड्रोन – V10 किसानों को फसल निगरानी, कीटनाशक छिड़काव और मिट्टी विश्लेषण जैसे कार्यों में मदद करेगा।
वैमानिका एयरोस्पेस के फाउंडर मनीष दीक्षित ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि महानिदेशालय द्वारा दिया गया यह प्रमाणपत्र न केवल कंपनी के लिए, बल्कि कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर है। इस ड्रोन के उपयोग से न सिर्फ उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी बल्कि किसानों की आय में वृद्धि होगी। कम समय और कम लगात और कम श्रम में वे कृषि कार्य बेहतर ढंग से कर सकेंगे।

डीजीसीए ने किसान ड्रोन – V10 को सुरक्षा, विश्वसनीयता और उसके प्रदर्शन को अपने मानकों पर परखा। सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद कंपनी को यह प्रमाण पत्र दिया। यह ड्रोन भारतीय कृषि परिस्थितियों के अनुकूल है और इसे स्थानीय स्तर पर डिजाइन और निर्मित किया गया है। इसकी उन्नत तकनीक और उच्च दक्षता के कारण यह किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारतीय कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देगा। सरकार की ड्रोन नीति और ‘किसान ड्रोन’ पहल के तहत ऐसे उपकरणों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो किसानों की दक्षता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

मनीष दीक्षित ने बताया कि कंपनी ने घोषणा की है कि वह जल्द ही किसान ड्रोन – V10 का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करेगी और इसे देशभर के किसानों तक पहुंचाएगी। इसके साथ ही कंपनी ने ड्रोन के संचालन के लिए प्रशिक्षण और रखरखाव संबंधी सेवाएं भी शुरू करने की योजना तैयार की है। कंपनी का उद्देश्य तकनीक के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ाने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में मददगार भी बनना है।

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