लखनऊ। दूसरों की सहायता करते हुए स्वयं को लिए सही लक्ष्य का चयन करना चाहिए। यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के तहत इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस द्वारा क्लीन इन क्लीन आउट विषय पर प्रो. ईवी गिरिश द्वारा अतिथि व्याख्यान में दी। उन्होंने कहा कि जीवन अत्यंत सरल एवं सुंदर है, हम जो कुछ भी करें उसमें गर्व महसूस करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुभव ही व्यक्ति को अपने आप को जानने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हम लोग ज्यादातर गलत काम में आगे बढ़ रहे हैं और इसी कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहें ह,ैं जैसे डायबिटिज, हद्य के रोग, मानसिक रोग इत्यादि। उन्होंने कहा कि स्वयं से प्यार करके आप जैसा सोचेंगे वैसा बनेंगे। उन्होंने दूसरों की सहायता करते हुए स्वयं को लिए सही लक्ष्य का चुनाव करने की भी अपील की।
कार्यक्रम में पैरामेडिकल सांइसेस के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद जैन ने कहा कि हम लोग अपनी बाहरी स्वच्छता जैसे तन, कपड़ा, मकान आदि पर तो ध्यान देते हैं लेकिन उसके बावजूद भीतर से दुखी रहते हैं। भीतर से प्रसन्न रहने के लिए हमें अपने अंदर की स्वच्छता का भी ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने अंर्तमन की स्वच्छता भी रखनी होगी और उसकी सफाई करनी होगी। इस अवसर पर अधिष्ठाता, छात्र कल्याण डॉ जीपी सिंह ने ऐसे आयोजन किए जाने पर पैरामेडिकल सांइसेस के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद जैन की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व संस्कृति में योग, शान्ति एवं मन का उल्लेख किया जाता था परन्तु आधुनिक जीवनचर्या मे यह मूल्य भूला दिए गए हैं। इस अवसर पर एनाटॉमी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पुनीता मानिक ने कहा कि दिमाग और आत्मा की स्वच्छता समग्र विकास के लिए आवश्यक है तथा मूल्य को जीवन में उतारना बेहद अहम है। उक्त कार्यक्रम के संचालन में सह-सहायक के रूप मानसिक रोग विभाग के डॉ. भूपेन्द्र उपस्थित रहे।
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