लखनऊ। महानगर थाना क्षेत्र में विगत दिनों में डॉ. जयदीप सरकार की आत्महत्या व हत्या मामले में पुलिस और फोरेंसिक विभाग की कछुए की चाल से जांच होने से लम्बा खींचने का प्रयास हो रहा है। वहीं परिस्थिति जन साक्ष्य व पोस्टमार्टम रिपोर्ट हत्या की तरफ इशारा कर रही है। सरकार की मौत की गुत्थी करीब दो हफ्ते बाद भी सुलझने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस ने फोरेंसिक रिपोर्ट का ढ़ाल बना कर लम्बा खींचने के प्रयास में है वहीं चुनावी ड्यूटी में व्यस्त पुलिसकर्मी होने के कारण खींचता नजर आ रहा है।
विदित हो कि डॉ. जयदीप की आत्महत्या व हत्या का 4 फरवरी को इुए घटना के नाटकीय रूपांतरण के बाद सारे साक्ष्य फोरेंसिक विभाग को पुलिस ने सौपने के साथ एक डायरी भी दी जिसमें सुसाइड नोट करीब 10 लाइन का है जब कि डॉ सरकार की डायरी करीब 100 पन्नों में लिखी है। फोरेंसिक विभाग ने डॉक्टर के सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग मिलान बैलेस्टिक और मेडिको लीगल रिपोर्ट आनी है। वहीं फोरेंसिक टीम को लीड कर रहे डॉक्टर गयासुद्दीन खान 6 फरवरी से 20 फरवरी तक छुट्टी पर चल रहे हैं। विभागीय लोगों के अनुसार 21 फरवरी को छुट्टी से वापसी का कयास लगा रहे है, चूंकी फोरेंसिक रिपोर्ट में अंतिम निर्देश उन्हीं से होना है।
डॉ. जयदीप सरकार को मामला संवेदनशील होने के बावजूद पुलिस और फोरेंसिक विभाग की कछप गति से कार्यशैली नजर आती दिख रही है। जिसके कारण रिपोर्ट रूकी है। वहीं डॉ. सरकार के परिवारीजन उनकी मौत को आत्महत्या ही मान रहे है। पुलिस अधिकारी भी परिवारीजनों की बात मानने लगी है। वहीं पुलिस भी अंतिम निर्णय देने के लिए फोरेंसिक रिपोर्ट को ढाल बना रही है।
उधर फोरेंसिक विभाग वाले कुछ बोलने से कतराते हैं, क्योंकि ज्वाइंट डायरेक्टर व टीम लीडर छुट्टी पर चल रहे हैं। सूत्रों की माने तो विभाग द्वारा स्टेट मेडिको लीगल विभाग को जांच सौंप कर उनकी राय ली जा सकती है। सुसाइडनोट भी संदेहास्पद परिवारीजनों द्वारा पुलिस को दिया गया डॉ जयदीप सरकार का सुसाइडनोट भी फोरेंसिक टीम को संदेह की स्थित में मान रहा है। फोरेंसिक टीम ने महानगर पुलिस द्वारा दी गयी डॉ जयदीप द्वारा लिखी गयी डायरी काफी मोटी है।
एसपीटीजी के अनुसार हैंड राइटिंग एक्सपर्ट ने उनसे डॉक्टर की लिखावट के और साक्ष्य मांगे है। उधर सीओ महानगर ने बताया बैलेस्टिक रिपोर्ट मांगी गयी है।