लखनऊ। छह महीने से गुम हुए बेटे को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में देख कर पिता रामदुलारे भावुक हो गये। उनका बेटा इलाहाबाद से इलाज कराने के दौरान गायब हो गया था। गुम होने के बाद किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लावारिस की तरह पहुंचे बेटे की न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डा. बीके ओझा ने इलाज कराया आैर परिवार की भी जानकारी करते रहे। आज पिता अपने बेटे को लेकर मिर्जापुर चले भी गये।
केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में एक सितम्बर 2016 का लावारिस मरीज को भर्ती किया गया था –
मरीज हालत खराब होने के कारण वह बोल भी नहीं पा रहा था, जांच में पता चला कि यह मरीज न्यूरोलॉजी सर्जरी विभाग का है। वहां पर भर्ती करने के बाद डा.ओझा ने चुनौती को स्वीकार किया आैर अपनी टीम की मदद से बेहतर इलाज कराना शुरू कर दिया। इलाज का परिणाम यह रहा कि वह दिसम्बर में थोड़ा बहुत बोलने लगा आैर अपना नाम व परिवार के लोगों का नाम बताने लगा। जनवरी में टूटे शब्दों में अपने घर का पता बताया तो डा. ओझा ने पुलिस व मीडिया की मदद से पता शुरू कर दिया। कोशिशों के बाद मिर्जापुर के लालगंज का पता मिला तो बेटे की जानकारी मिलने पर पिता राम दुलारे को खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
शुक्रवार की शाम को वह अपने बेटे को लेने आये। डा. ओझा ने जांच पड़ताल के बाद उनके बेटे को सौप दिया। बेटे ने जब पिता को देखा तो वह बेहद खुश हो गया आैर साथ में भाई को देख नाम भी बताने लगा। डा. ओझा ने बताया कि सिस्टर शशी कला व तकनीशियन अतुल की इलाज में विशेष मेहनत रंग ले आयी। इन दोनों के मरीज का पूरा ध्यान रखा। पिता राम दुलारे बताते है कि उन्होंने बेटे के गुम होने के बाद पर्चे भी बंटवाये लेकिन कुछ पता नही चला। वह केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी विभाग के डा. अोझा आैर उनकी टीम के हमेशा आभारी रहेंगे।