लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, यू0पी0 द्वारा ’’डॉ0 आई0डी0पी0एल0 आईएमए यूपी ओरेशन अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया है। आयोजन समिति द्वारा यह पुरस्कार उन्हें रेस्पिरेटरी चिकित्सा और राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया है। डॉ0 सूर्यकान्त का यह 17वॉ ओरेशन अवार्ड है, इससे पहले भी कई ओरेशन एवार्ड लंग कैंसर, सांस रोग, टी0बी0 रोग, एलर्जी, अस्थमा आदि के क्षेत्र में प्राप्त हो चुके हैं।
बताते चलें कि डॉ0 सूर्यकान्त ने उ0प्र0 स्टेट टास्क फोर्स का कार्यभार वर्ष 2013 में ग्रहण किया। सन् 2010 से 2012 तक के समय में नेशनल हेल्थ मिशन के घोटाले के कारण उ0प्र0 में सभी प्रकार की स्वास्थ्य गतिविधियां काफी प्रभावित हो गयी थी। इस कारण से टीबी उन्मूलन का कार्यक्रम भी उस दौरान काफी प्रभावित रहा और मेडिकल कॉलेजों में भी कोई गतिविधि नहीं हो रही थी।
ऐसे समय में नेशनल टास्क फोर्स के चेयरमेन द्वारा डॉ0 सूर्यकान्त को उ0प्र0 का नेशनल टास्क फोर्स का चेयरमेन बनाया गया। ज्ञात रहे कि 2013 में टीबी परफॉरमेन्स के इंडिकेटर्स में उ0प्र0 नॉर्थ जोन टास्क फोर्स के सभी राज्यों में नीचे पायदान पर था। डॉ0 सूर्यकान्त की कड़ी मेहनत व कार्यकुशलता से दो वर्ष के अन्तराल में सन् 2015 में नोर्थ जोन के सभी स्टेट में उ0प्र0 का स्थान सर्वप्रथम हो गया।
डॉ0 सूर्यकान्त के प्रयास से तत्कालीन समस्त 30 मेडिकल कालेजों में नेशनल टीबी कंट्रोल प्रोग्राम (उस समय यह आरएनटीसीपी कहलाता था) की गतिविधियां सक्रिय रूप से चालू हुयी और उसके पश्चात एडवोकेसी, अवेरनेस, पेसेन्ट केयर, ट्रेनिंग, रिसर्च का कार्य तेजी से उ0प्र0 में बढ़ा। डॉ0 सूर्यकान्त दस वर्ष (जून 2013 से जून 2023) उ0प्र0 स्टेट टास्क फोर्स के चेयरमेन रहे और इस दौरान उन्होंने उ0प्र0 में मेडिकल कालेजों के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की गतिविधिया सक्रिय रूप से सम्पन्न हुयी। इसके फल स्वरूप उ0प्र0 में अब 67 मेडिकल कॉलेज है, (जिसमें 36 गर्वेंमेन्ट सेक्टर के और 31 प्राइवेट सेक्टर) सभी में नेशनल टीबी एलिमिनेशन प्रोग्राम की गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं।