दुर्लभ रोग म्युकोपॉलीसैकराइडोसेस के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर

मरीजों के उपचार के लिये राज्य सरकार के सहयोग की जरूरत

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Photo Source: northwestern.edu

लखनऊ। राज्य के अग्रणी विशेषज्ञों ने एक दुर्लभ रोग म्युकोपॉलीसैकराइडोसेस (एमपीएस) के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया है। विशेषज्ञों ने इंटरनेशनल एमपीएस अवेयरनेस डे के अवसर पर बड़े पैमाने पर एमपीएस समुदाय को सपोर्ट करने की जरूरत के बारे में भी बात की। एलएसडी से प्रभावित 26 मरीजों में से उत्तर प्रदेश के 09 मरीज ऐसे हैं, जो एमपीएस से ग्रस्त हैं। इनमें से दो मरीजों की मौत हो चुकी है और छह मरीजों ने उपचार के लिये अपील की है। इन 6 मरीजों में से एमपीएस-1 से ग्रस्त 3 मरीज एक ही परिवार के हैं। इस दुर्लभ रोग को लेकर मंजीत सिंह, प्रेसिडेंट, एलएसडीएसएस ने कहा सेहत राज्य से संबधित एक मुद्दा है और उत्तर प्रदेश सरकार के लिये इन दुलर्भ रोगों से ग्रस्त मरीजों की जरूरतों को पूरा करना महत्वपूर्ण है।

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मरीजों का तेजी से उपचार करने का एक समग्र नजरिया समय की जरूरत है। समय पर रोग की पहचान करने और उपचार करने से 3 एमपीएस प् मरीजों को एक सामान्य जीवन जीने में मदद मिल सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार के अंतरिम सहयोग, एक एक बार की लागत के रूप में, से मुश्किल से ही किसी उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिली है। इससे मरीजों के परिवार के पास सपोर्ट पाने के लिये हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है। हम उत्तर प्रदेश सरकार से इन मरीजों को निरंतर उपचार सहयोग देने का अनुरोध करना चाहेंगे। इस स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये डॉ. कौशिक मंडल, मेडिकल जेनेटिसिस्ट; एमडी (पीडियाट्रिक्स) डीएम (मेडिकल जेनेटिक्स) एसजीपीजीआइएमएस ने कहा, ‘‘एमपीएस से ग्रस्त मरीज इस रोग के बढ़ने के साथ आसान से आसान काम करने में भी सक्षम नहीं होते हैं।

यदि इसका उपचार नहीं किया गया, तो ज्वाइंट्स, हड्डियों, आंखों, हार्ट और रेस्पिरेटरी सिस्टम सहित शरीर के लगभग सभी हिस्सों को नुकसान पहुंचता है। उपचार के सबसे महत्वपूर्ण मॉडेलिटीज है : एंजाइम रिप्लेसमेंट थैरेपी (ईआरटी), हीमैटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन (एचएससीटी) और सपोर्टिव केयर। एन्जाइम रिप्लेसमेंट थैरेपी (ईआरटी) बेहद प्रभावी साबित हुई है और इसका मरीजों के जीवन पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उपचार का मॉडल चाहे कुछ भी हो, इसकी शुरूआत जीवन के आरंभिक चरण में हो जानी चाहिये, ताकि मरीजों को बहुत ज्यादा नुकसान न पहुंचे। सही समय पर सही हस्तक्षेप करना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीजों को ऐसा उपचार मिले, जिससे कि उन्हें दुर्बल जीवन न जीना पड़े।

उल्लेखनीय है कि म्युकोपॉलीसैकराइडोसेस (एमपीएस) एक सबसे सामान्य एलएसडी है और एक जटिल स्थिति है, जिसमें शरीर एक खास प्रकार का एन्जाइम उत्पन्न करने में असक्षम होता है। एन्जाइम्स की इस अनुपस्थिति से कोशिकायें अपषिष्ट पुनर्चक्रण करने में सक्षम नहीं हो पाती और इससे कचरा बॉडी सेल्स में ही जमा होने लग जाता है। इस रोग की वजह से मरीज सामान्य दैनिक कार्य भी नहीं कर पाते हैं। इस रोग के बढ़ने से, मरीज की हालत और भी खराब हो जाती है और जोड़ों, हड्डियों, हार्ट और रेस्पिरेटरी सिस्टम सहित पूरे शरीर को नुकसान पहुंचता है। एमपीएस के कई प्रकार हैं- 1, 2, 3, 4, 6 और 7 इस रोग और इसके विभिन्न पहलुओं, जिनमें लक्षण, डायग्नॉसिस और उपलब्ध उपचार शामिल हैं, के बारे में जागरूगता फैलाने की जरूरत है।

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