लखनऊ। शासन के एक आदेश से किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कई विभागों की नियुक्तियां होते- होते तकनीकी कारणों से रूक गयी है। इनमें ज्यादातर महत्वपूर्ण विभाग है, जहां पर जल्द ही नियुक्ति करना आवश्यक हो माना रहा है। केजीएमयू प्रशासन के सामने नियुक्ति का यक्ष प्रश्न का हल फिलहाल सूझ नहीं रहा है।
कुछ समय शासन की ओर से एक आदेश जारी किया गया है कि फरवरी वर्ष 2018 के बाद जिन विभागों में डॉक्टरों की नियुक्ति का विज्ञापन केजीएमयू ने जारी किया है, उन्हें कॉन्ट्रैक्चुअल भर्ती से पदों को भर लिया जाए। आदेश के बाद अब कुछ विभाग ऐसे है, जिनका भर्ती विज्ञापन इससे पहले किया गया था। ऐसे में अब उन विभागों की भर्ती प्रक्रिया को कैसे अंजाम दिया जाए। यह केजीएमयू प्रशासन को समझ नहीं पा रहा है।
बताते चले कि केजीएमयू में लगभग 140 शैक्षणिक पदों में से भर्ती विज्ञापन पदों की फरवरी 2018 के बाद विज्ञापित पदों की संख्या लगभग 100 है। ऐसे में शासनादेश का पालन करते हुए 100 पदों को ही भरा जा सकता है। लगभग 40 पद ऐसे हैं जिन्हें कैसे भरा जाएगा। यह परेशानी का सबब बन गया है। शासन ने भी जब तक नियमित नियुक्तिया नहीं हो जाती, तब तक के लिए संविदा नियुक्ति के आधार पर पहले इन्हें भरने के लिए कहा है। इससे सबसे पहला विभाग बर्न यूनिट का आता है। इसमें चार प्लास्टिक सर्जन, चार एनेस्थीसिया के डॉक्टर और चार अन्य समेत कुल 12 पद स्वीकृत हैं। वहीं पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक विभाग की भी मामला फंसा है। यहां चार पद स्वीकृत है लेकिन सिर्फ हेड डॉ अजय सिंह ही कार्य कर रहे है। ट्रॉमा सेंटर में भी क्रिटिल केयर विभाग के 15 पद भी इसी में शामिल है।
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