लखनऊ। फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने एक विज्ञापन एक सर्विस रूल (सेवा नियमावली) के अनुसार 2007 तक के अभ्यर्थियों की नियुक्ति हेतु महानिदेशक से अनुरोध किया है ।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 के विज्ञापन में आवेदन किये हुए सभी फार्मेसिस्टों की नियुक्ति एक समान नियम से करना न्यायसंगत है, 2002 बैच तक उत्तीर्ण फार्मेसिस्टों की नियुक्तियों भेषजिक सेवा नियमावली 1980 के अनुसार हो चुकी है, उसी विज्ञापन के 2007 तक के फार्मेसिस्ट अभी चयनित नही हुए है, इस बीच एक ही विज्ञापन पर अलग-अलग नियम लागू किया जाना उचित नही लगता, अतः सभी आवेदित फार्मेसिस्टों की नियुक्ति 1980 नियमावली से महानिदेशालय द्वारा की जानी चाहिए ।
आज फार्मासिस्टों का एक प्रतिनिधिमंडल फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव से मिला और उनसे मिलकर अपने मैटर को विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि वर्ष 2007 में स्वास्थ्य विभाग की ओर 766 फार्मासिस्टों के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। जिसमे बैच 2007 तक के फार्मासिस्टों ने आवेदन किया था आवेदित पदों पर विभाग को 10750 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसकी लिस्ट स्वास्थ्य विभाग ने बैच 2007 तक बना ली गई थी, जैसे जैसे प्रदेश में रिक्त पद आते रहे विभाग उसी विज्ञापन के आवेदित फार्मासिस्टों की नियुक्ति फार्मासिस्ट नियमावली 1980 के तहत करता रहा है। बैच 2002 तक की नियुक्ति विभाग कर चुका है। जब बैच 2003 से बैच 2007 तक के करीब 4 हजार फार्मासिस्टों की नियुक्ति का नम्बर आया तो विभाग नई नियमावली का हवाला देकर उसी के तहत नियुक्ति करना चाहता है जो उनके लिए नाइंसाफी होगी।
फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि विभाग को सौतेला व्यवहार नही करना चाहिए जब एक विज्ञापन पर ही सभी ने फार्म भरा है तो समानता के आधार सभी को एक ही सर्विस रूल से नियुक्ति मिलनी चाहिए वो नियुक्ति से बचे हुए फार्मासिस्टों की बात डी जी हेल्थ के सामने रखकर सभी को न्याय दिलाएंगे।