एक गोली सीने के अंदर… बच गई मासूम

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लखनऊ. बारात में शानो-शौकत दिखाने के लिए अभी भी लोग पिस्टल, रिवाल्वर और दुनाली से गोली फायरिंग शुरू कर देते हैं, ऐसी ही शानो-शौकत हरदोई के विनय कुमार की बेटी प्रांशु को बहुत महंगी पड़ी. यह मासूम बारात में हो रहे डांस को देख रही थी की एक गोली उसके बाई सीने में आ लगी. यह मासूम वहीं गिर गई बारात में अफरा तफरी मच गई. परिजनों को पता चला तो वह उसे भागकर जिला अस्पताल हरदोई लेकर पहुंचे यहां पर डॉक्टरों ने बिगड़ती हालत देखकर लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग रेफर कर दिया. यहां पर जब डॉक्टरों ने बच्ची की हालत देखी तो काफी बिगड़ चुकी थी.

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डॉ जे डी रावत के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम में तत्काल छाती में छेद कर एक पाइप डाला और अंदर जमा गंदा खून और गोली के कारण भरा रहे एयर को बाहर निकाला. बच्ची को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी. उन्होंने दवाई दे कर बच्ची की हालत कंट्रोल किया. बच्चे की हालत को देखते हुए उससे खून चढ़ाया गया उसके बाद उसको सीटी स्कैन करा कर अंदर घुस चुकी गोली की पोजीशन को देखा गया. डॉ रावत ने बताया गोली पसली से होते हुए हॉट के करीब पहुंच गई थी अगर एक-दो सेंटीमीटर भी गोली आगे बढ़ गई होती तो बच्ची का बचना मुश्किल था.

जांच में पाया गया गोली पीछे की ओर ज्यादा बढ़ गई थी इसलिए पीठ के बाई ओर उपकरण डालकर कारतूस को धीरे से पकड़ा गया उसके बाद धीरे धीरे उसे बाहर निकाल लिया गया. डॉ रावत ने बताया कहने को तो आसान था लेकिन कारतूस को निकालने में जरा सी लापरवाही बच्चे की मुसीबत बन सकती थी. लगभग 2 घंटे की मेहनत के बाद कारतूस को निकाल लिया गया. उस दिन बाद बच्ची ठीक हो गई और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया उनकी टीम में डॉक्टर सुधीर सिंह डॉक्टर गुरमीत सिंह एनेस्थीसिया कि डॉक्टर हेमलता सिस्टर बंदना शामिल थी।

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