लखनऊ। पीजीआई के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हार्ट की बीमारी के साथ ही कोरोना संक्रमित हसीब (60) को 15 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बचा लिया। अब मरीज स्वस्थ्य है। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मरीज घर पहुंच गया है। यह मरीज 27 अगस्त को शहर के एक निजी अस्पताल से पीजीआई के कोविड अस्पताल में गंभीर अवस्था मे भर्ती हुआ था।
लखनऊ निवासी मरीज हसीब सीने में दर्द होने पर निजी अस्पताल में भर्ती हुआ। मरीज को एकाएक दिल का दौरा पड़ने पर निजी अस्पताल के डाक्टरों ने आनन-फ ानन में एंजियोप्लास्टी कर दी। तभी मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गयी। सांस लेने में तकलीफ के साथ तबियत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने मरीज को वेंटिलेटर पर ले लिया। परिजन मरीज को 27 अगस्त को पीजीआई के कोविड अस्पताल में शिफ्ट कराया। इमरजेंसी मेडिसिन के डॉ. तन्मय घटक बताते हैं कि 29 अगस्त को मरीज को फिर दिल का दौरा पड़ गया। जांच में दिल ने काम करना बंद कर दिया था। आईसीयू में मौजूद डाक्टरों ने लगातार कार्डियो पल्मोनरी रिसिटेशन (सीपीआर) की मदद से मरीज के दिल मे दोबारा हरकत लौटी। मरीज की सेहत में सुधार होने पर अब वह वेंटिलेटर से बाहर आ गया। इन डॉक्टरों ने बचाई जान मरीज के इलाज में पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान के नेतृत्व में डॉ. आरके सिंह, डॉ. तन्मय घटक, डॉ. सुदीप कुमार, डॉ. अनुपमा कौल, डॉ. अफजल अजीम, डॉ. पुनीत गोयल, डॉ. अशुंल गुप्ता, पल्मोनरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक नाथ के अलावा रेजिडेंट डॉ. जय, डॉ. आनंद, डॉ. शालिनी, डॉ.उपेंद्र, डॉ. अनिल, डॉ. सोहम व डॉ. फैसल ने अहम भूमिका निभायी।
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