NEWS- 15 सितंबर से 13 अक्टूबर तक इप्सेफ के आह्वान पर 75 जनपदों में लंच के दौरान अलख जगायेंगे तथा 14 अक्टूबर को सभी जनपद मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन तथा प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा।
प्रमुख मांगे
1. 30 वर्ष की सेवा पर स्क्रीनिंग करके रिटायर करने की कार्यवाही रोकी जाय।
2. नियुक्ति प्रक्रिया नियमावली में किसी भी प्रकार का परिवर्तन ना किया जाय। रिक्त पदों पर 3 माह में नियुक्तियां तथा पदोन्नति या की जाय।
3. रोके गए महंगाई भत्ते एवं अन्य भत्तों का भुगतान किया जाय।
4. कोविड-19 की बीमारी से शहीद कर्मचारियों को 50 लाख की धनराशि दी जाए तथा मृतक आश्रित को तत्काल नियुक्ति दी जाय।
5. दीपावली से पूर्व सभी प्रकार के कर्मचारियों के बोनस भुगतान किया जाय।
6. वेतन समिति की संस्तुतियों को तत्काल लागू करके वेतन भत्तों में उच्चीकरण किया जाय। मुख्यतः डिप्लोमा फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, ऑप्टोमेट्रिस्ट तथा सहायक लेखाकार के वेतन का उच्चीकरण।
7. स्थानीय निकायों में राज्य कर्मियों की भाँति पुनर्गठन करके तत्काल वेतनमान तथा 2001 से पूर्व के दैनिक कर्मचारियों का विनियमितीकरण किया जाए।
8. रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद सहित राजकीय निगमों के कर्मचारियों के सातवें वेतन आयोग का पूरा लाभ तथा एरियर का भुगतान किया जाय।
9. माध्यमिक शिक्षक का विनियमितीकरण तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भाँति सातवें वेतन आयोग का पूर्ण लाभ दिया जाय।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश की वर्चुअल बैठक सुरेश रावत की अध्यक्षता में हुई जिसमें 15 सितंबर से 13 अक्टूबर तक अलख जलाओ आंदोलन तथा 15 अक्टूबर को सभी जनपदों में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन होगा जिसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। उस दिन प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री को मांगों का ज्ञापन भी दिया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर समझौतों का पालन न करने के कारण कर्मचारी अत्यधिक नाराज हैं। गांव से सचिवालय तक सभी योजनाओं/विभागों का क्रियान्वयन करने वाले कर्मचारियों की उपेक्षा एवं तिरस्कार से कर्मचारियों में गुस्सा है। कोविड-19 बीमारी से कर्मचारी पीड़ित हैं। लगभग 50% कर्मचारी आइसोलेट हैं उनका परिवार भी त्रस्त है। केंद्र व प्रदेश की सरकार बीमार लोगों की कोई सहायता नहीं कर पा रही है। बीमारी से मृत कर्मचारियों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता एवं मृतक के आश्रित को नौकरी भी समय से नहीं दे रही है।
परिषद के संगठन प्रमुख डॉ के के सचान ,वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्र ,प्रवक्ता अशोक कुमार, उपाध्यक्ष सुनील यादव तथा चेयरमैन संघर्ष समिति के संदीप बडोला ने प्रदेश के सभी संगठनों एवं जनपदों के अध्यक्ष/महामंत्री को निर्देशित किया है कि इप्सेफ के कार्यक्रम को पूरी निष्ठा एवं लगन से सफल बनाकर देश भर में अपना नाम ऊंचा रखें।
आंदोलन के बिना सरकार सुनने वाली नहीं है।