तंत्रिका संबंधी समस्याओं ने 2021 में वैश्विक स्तर पर 3.4 अरब लोगों को प्रभावित किया: लैंसेट अध्ययन
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न्यूज। मिर्गी आैर ‘डिमेंशिया” (भूलने की बीमारी) जैसी तंत्रिका सबंधी समस्याएं वैश्विक स्तर पर खराब स्वास्थ्य आैर विकलांगता का प्रमुख कारण बनकर उभरी हैं, जिससे वर्ष 2021 में 3.4 अरब लोग प्रभावित हुए। ‘द लैंसेट न्यूरोलॉजी” पत्रिका में प्रकाशित एक नई विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
दुनियाभर में स्ट्रोक, अल्जाइमर, डिमेंशिया आैर मेनिनजाइटिस जैसी तंत्रिका संबंधी समस्याओं के साथ जीने वाले या इनसे मरने वाले लोगों की संख्या पिछले 30 वर्षों में काफी बढ गई है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह वैश्विक आबादी में बढोतरी, उम्र बढने के साथ-साथ पर्यावरण, उपापचय आैर जीवनशैली से जुड़े जोखिम के कारकों के प्रभाव में अधिक मात्रा में आने से हुआ है।
नये विश्लेषण से पता चलता है कि दुनिया भर में, तंत्रिका संबंधी समस्याओं के कारण होने वाली विकलांगता, बीमारी आैर समय से पहले मृत्यु के मामलों में–एक माप जिसे विकलांगता समायोजित जीवन वर्ष (डीएएलवाई)– पिछले 31 वर्षों में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इसमें कहा गया है कि 1990 में स्वस्थ जीवन के लगभग 37.5 करोड़ वर्ष नष्ट हो गए थे, लेकिन यह नुकसान 2021 में बढकर 44.3 करोड़ वर्ष हो गया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में उम्र बढने आैर बढती आबादी के कारण डीएएलवाई की कुल संख्या बड़े पैमाने पर बढ रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में तंत्रिका संबंधी समस्याओं के 10 प्रमुख कारणो में स्ट्रोक, नवजात एन्सेफैलोपैथी (मस्तिष्क की चोट), माइग्रेन, अल्जाइमर रोग आैर अन्य तरह की डिमेंशिया, मधुमेह न्यूरोपैथी (मस्तिष्क में चोट), मेनिनजाइटिस, मिर्गी, समय पूर्व जन्म के कारण तंत्रिका संबंधी जटिलताएं, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार आैर तंत्रिका तंत्र का कैंसर शामिल हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 (संज्ञानात्मक हानि आैर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम) के ‘न्यूरोलॉजिकल” (तंत्रिका संबंधी)परिणाम 20वें स्थान पर हैं, जिससे वर्ष 2021 में 24.8 लाख वर्ष के स्वस्थ जीवन का नुकसान हुआ।
वर्ष 2021 में सबसे प्रचलित तंत्रिका संबंधी विकार तनाव-प्रकार के सिरदर्द (लगभग दो अरब मामले) आैर माइग्रेन (लगभग 1.1 अरब मामले) थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि मधुमेह न्यूरोपैथी सभी तंत्रिका संबंधी समस्याओं में से सबसे तेजी से बढने वाली बीमारी है।
शोध के सह लेखक अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) के लिएन ओंग ने कहा, ”1990 के बाद से वैश्विक स्तर पर मधुमेह न्यूरोपैथी से पीड़ित लोगों की संख्या तीन गुना से अधिक हो गई है, जो वर्ष 2021 में बढकर 20.6 करोड़ हो गई।””
ओंग ने एक बयान में कहा, ”यह मधुमेह के वैश्विक प्रसार में वृद्धि के अनुरूप है।””
शोधकर्ताओं ने कहा कि तंत्रिका संबंधी बीमारी से होने वाली 80 प्रतिशत से अधिक मौतें आैर स्वास्थ्य हानि निम्न आैर मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) में होती है।
उन्होंने कहा, अनुमान विश्व के क्षेत्रों आैर राष्ट्रीय आय के स्तरों के बीच तंत्रिका तंत्र के बोझ में उल्लेखनीय अंतर को दर्शाते हैं। अध्ययन से पता चलता है कि उच्च आय वाले एशिया प्रशांत आैर आस्ट्रेलिया में – ‘सबसे अच्छे न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य वाले क्षेत्र” में वर्ष 2021 में डीएएलवाई की दर 3,000 से नीचे आैर आैर मौत की दर प्रति 1,00,000 लोगों पर 65 से कम थी।
यह पाया गया कि इन क्षेत्रों में, स्ट्रोक, माइग्रेन, डिमेंशिया, मधुमेह, न्यूरोपैथी आैर ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार सबसे अधिक स्वास्थ्य हानि के लिए जिम्मेदार हैं।