लखनऊ । संजय गांधी पीजीआई के चिकित्सकों का पलायन थमने का नाम नहीं रहा है। अभी हाल ही मे पीजीआई के रेडियोथिरेपी विभाग के प्रो. नीरज रस्तोगी ने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत का आवेदन भेज रखा हैं क्योंकि वह विभाग की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर निजी हास्पिटल में अपनी सेवा देने के लिए जा रहे है।पिछले कई माह से नेफ्रोलाजिस्ट प्रोफेसर धर्मेंद्र भदौरिया ने स्वैच्छिक सेवानिवृत का आवेदन निदेशक प्रोफेसर आर राधाकृष्णन ने प्रदेश के मुख्य सचिव तथा संस्थान के अध्यक्ष दुर्गा शंकर मिश्र को स्वीकृत के लिए भेज दिया हैं।
उनकी स्वीकृत आ जाने पर निजी अस्पताल मेंदाता में चले जायेगें इसी तरह इंडोक्राइनोलॉजी के विभागाध्यक्ष अमित अग्रवाल भी निजी अस्पताल मेंदाता में स्वैच्छिक सेवानिवृत लेकर संस्थान की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर चले गए। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर उदय चन्द्र घोषाल नये विभागाध्यक्ष बने ही थे वह भी संस्थान के कार्य से संतुष्ट नहीं थे उन्होंने ने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत लेकर कलकत्ता के अस्पताल मे अपनी सेवा दे रहे हैं उनकी पत्नी माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष उज्जल घोषाल ने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत ले लिया ।हेमटोलाॅजी के असिस्टेंट प्रोफेसर ने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत ले लिया।
वहीं दूसरी तरफ संस्थान मे सेवानिवृत से कर्मचारियो का अभाव होता जा रहा हैं। इस संस्थान को शुरू करने वाले अनुभवहीन की कमी से कार्य पर असर पड़ेगा।