आंखों में रहेगी चमक ,तभी मिलेगी स्टेयरिंग

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लखनऊ। सड़क हादसे रोकने के लिए सरकार की ओर से नई रणनीति बनाई गई है। इसके तहत प्रदेश के लगभग ढाई करोड़ वाहन चालकों की आंखों की जांच होगी। इस दौरान जिन वाहन चालकों की नजर कमजोर पाई जाएगी उन्हें दूसरे काम में लगाया जाएगा। जो लोग पूरी तरह से फिट हैं उन्हें ही वाहन चलाने की अनुमति दी जाएगी। आंखों की जांच की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से वाहन चालकों की आंखों की जांच कराने को लेकर कार योजना भी बनाई जा रही है। आंखों की जांच में आने वाले खर्च का भुगतान गृह विभाग और परिवहन विभाग मिलकर करेगा।
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि वाहन चालकों की आंखों की जांच करा दी जाए तो हाईवे पर होने वाली12 फ़ीसदी सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। ओवर स्पीड से सालाना 37 फ़ीसदी लोगों की मौत हो रही है, जिनमें सर्वाधिक 18 से 35 साल की युवक शामिल है। ऐसी स्थिति में सड़क हादसे रोकने के लिए मुकम्मल रणनीति बनाई जा रही है।

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हाईवे पर बनेंगे ट्रामा सेंटर
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि हाइवे के किनारे ट्रामा सेंटर खोले जाएंगे। इससे सड़क हादसे में घायल होने वालों को तत्काल इलाज मिल सकेगा। इसके लिए सरकार सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध कराएगी।

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