लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पहली बार कार्य परिषद की दो दिन चली बैठक में कई वर्षो से चल रही जांच में दो डाक्टरों के कई दस्तावेजों को फर्जी मिले है। इसके आधार पर किया गया प्रमोशन निरस्त कर दिया गया। इसके दंड में दो डाक्टरों का एक वर्ष के लिए वेतन वृद्धि रोक दिया। बैठक में डा. संजय खत्री पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक्ट के अनुसार जांच के लिए अनुशासित कमेटी का गठन कर दिया गया। बैठक में सीवीटीएस विभाग में डा. शेखर टंडन की बजाय डा. एस के सिंंह को वरिष्ठता के आधार पर विभाग प्रमुख के पद पर सही पाया गया।
बैठक में निर्णय लेने से पहले कई बार बहस के साथ हंगामा भी हुआ।
इसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के दो डा. ओपी सिंह व डा. नईम अहमद पर लगाये गये आरोप की जांच रिपोर्ट पर निर्णय लेना था। रिपोर्ट में दोनों डाक्टरों द्वारा प्रमोशन के लिए लगाये गये दस्तावेज फर्जी पाये गये, इसके आधार पर लिये गये प्रमोशन को निरस्त कर दिया गया। इसके साथ ही दंड के फलस्वरूप एक वर्ष वेतन वृद्धि को रोक दिया गया। इसके अलावा एक प्रमोशन के बारे में निर्णय लेने के लिए कुलाधिपति को दस्तावेज भे दिये गये। बैठक में डा. संजय खत्री पर किये स्टिंग आपरेशन में सच्चाई की जांच के लिए एक्ट के अनुसार जांच के लिए अनुशासति कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया।
कुलसचिव ने बताया कि दस प्रमोशन किये गये, जबकि विभिन्न विभागों में पांच सहायक आचार्य की नियुक्त किया गया। इसी प्रकार सीवीटीएस विभाग में डा. एस के सिंह को ही वरिष्ठता के आधार पर विभाग प्रमुख बनाये जाने के निर्देश दिया गया। यहां पर डा. शेखर टंडन विभाग प्रमुख का पद नहीं छोड़ रहे थे। इसके साथ ही अन्य विभिन्न मुद्दों पर निर्णय लिया।