लखनऊ। डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में कला प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को 12 मार्च को पूर्णिमा पर गोमती महाआरती पर सम्मानित किया जाएगा। गुरुवार देर रात तीन बजे से महादेव की महाआरती होगी। इसके बाद रुद्र सेना की ओर से 151 लीटर दूध व मां गोमती के जल से अभिषेक किया जाएगा। 24 फरवरी की शाम को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
मनकामेश्वर मंदिर में कला प्रतियोगिता का आयोजन –
मंदिर की महंत देव्या गिरि ने बताया कि शिव चित्रकला, शिव आलेख आैर शिव सूक्ति (श्लोक) की प्रतियोगिता हुई, जिसमें मनकामेश्वर संस्कारशाला, नवयुग रेडियंस व सेवा सिलाई सेंटर के छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त सभी धर्मों के पुरुष और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। निर्णायक मंडल में लखनऊ विश्व विद्यालय संस्कृत विभाग के डॉ. अशोक दुबे, कवि सर्वेश अस्थाना, शिक्षक राजेंद्र शुक्ल रहे। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर पहली बार पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं सज्जा के साथ स्लोगन व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
“ओम नम: शिवाय” से गूंजा मन्दिर परिसर
राजेन्द्रनगर द्वितीय मार्ग पर स्थित महाकाल मन्दिर में तीन दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव का शुभारम्भ बुधवार को हो गया। प्रात: चार बजे महादेव का अभिषेक के बाद रूद्राभिषेक सम्पन्न हुआ। ‘ओम नम: शिवाय” के जप में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। श्री महाशिव मन्दिर समिति के व्यवस्थापक अतुल मिश्रा ने बताया कि ‘ओम नम: शिवाय” का जप 24 फरवरी तक प्रतिदिन दो-दो घंटे चलेगा। कुल एक लाख एक हजार ‘ओम नम: शिवाय’ का जप होगा।
इण्टरनेट पर भी देख सकते हैं भस्म आरती
महाकाल मन्दिर समिति के अध्यक्ष एके दुबे ने बताया कि उज्जैन की तर्ज पर राजेन्द्रनगर के महाकाल शिव मन्दिर की भस्म आरती को घर बैठे भी भक्त इस ‘डब्लू डब्लू डब्लू डाट महाशिव मन्दिर डाट काम” पर देख सकते हैं। इसके साथ ही मन्दिर के सभी आयोजन की जानकारी सोशल मीडिया से प्राप्त कर सकते हैं। 24 की सुबह भस्म आरती, शाम को भांग और मेंवे का भोले भण्डारी का श्रंगार होगा। मेवें और छप्पन भोग का प्रसाद अर्पित किया जायेगा।
दीपकों की जगमग का आकर्षण
ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी एवं महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार को दीपकों से जगमगाएगा। कीर्तन, भजन, आरती आैर प्रसाद वितरण के बाद मध्यरात्रि 12 बजे से रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के प्रमुख संयोजक नरेश कुमार शुक्ल ने बताया क देश व विदेश के 1100 मंदिरों में एक साथ दीपदान करने की व्यवस्था की गयी है।