फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने एकेटीयू में बी फार्म प्रेक्टिस कोर्स संचालित कराने का किया अनुरोध

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योग्यता और ज्ञान में वृद्धि समय की मांग है: सुनील

लखनऊ। डिप्लोमा फार्मेसिस्टो, विशेष तौर पर विभिन्न संस्थानों में कार्यरत डिप्लोमा फार्मेसिस्टों को 2 वर्ष का ब्रिज कोर्स करा कर बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी फार्म प्रैक्टिस) की डिग्री प्रदान किए जाने की महत्वाकांक्षी योजना उत्तर प्रदेश में अभी तक प्रभावी नहीं हो सकी है, फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा 2014 में यह रेगुलेशन पास किए जाने के बाद आज लगभग 7 वर्षों के बीतने के बाद भी अभी उत्तर प्रदेश के महज कुछ ही संस्थानों ने बी फार्म प्रैक्टिस का कोर्स शुरू किया है । फार्मेसिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश की वर्चुअल बैठक में यह मांग उठने के बाद फेडरेशन के अध्यक्ष एवं फार्मेसी कौंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने एकेटीयू के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर उन से अनुरोध किया है कि उन सभी संस्थानों में, जहां बैचलर फार्मेसी या फार्मेसी की अन्य उच्च शिक्षा दी जा रही है वहां पर बैचलर ऑफ फार्मेसी प्रैक्टिस (ब्रिज कोर्स) तत्काल शुरू किए जाएं जिससे डिप्लोमा फार्मेसिस्ट अपने ज्ञान और योग्यता में वृद्धि कर जनता को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी सकें।
उक्त आशय का पत्र भेजकर फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि समाज के बदलते परिवेश और जनता की आवश्यकता को देखते हुए अनेक उन विषयों पर व्यवहारिक ज्ञान बढ़ाया जाना आवश्यक है जो मरीजों के उपचार, रोगों की पहचान, बचाव आदि से संबंधित है । इसी विषय को ध्यान में रखते हुए फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा ब्रिज कोर्स के रूप में बी फार्म प्रैक्टिस एजुकेशन रेगुलेशन लागू किया गया था जिसे भारत सरकार द्वारा दिनांक 14 दिसम्बर 2014 को असाधारण गजट में प्रकाशित किया है।
इस कोर्स को चलाने के लिए वे संस्थान अधिकृत हैं जिनकी जो अपने यहां बी फार्म या उच्च फार्मेसी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं । उत्तर प्रदेश का दुर्भाग्य है कि ज्यादातर संस्थानों ने इसे नही अपनाया है, जबकि उत्तर प्रदेश में अधिकांश बी फार्म के कॉलेज एकेटीयू द्वारा संचालित है परंतु एकेटीयू ने अभी तक आपने यहां फार्म प्रेक्टिस कोर्स लागू ही नहीं किया है, जिसके कारण चाह कर भी अनेक संस्थान इसे अपने यहां संचालित नहीं कर पा रहे हैं ।
ज्ञातव्य है कि 4 वर्ष की फार्मेसी प्रैक्टिस कर चुका पंजीकृत डिप्लोमा फार्मेसिस्ट इस कोर्स के लिए योग्य है ।
संयोजक एवं फीपो के अध्यक्ष के के सचान, डीपीए के प्रदेश अध्यक्ष सन्दीप बडोला ने कहा कि
इस कोर्स के संचालित ना होने से प्रदेश के फार्मेसिस्ट चाह कर भी अपनी योग्यता में वृद्धि नहीं कर पा रहे, निश्चित ही रोगों के निदान उपचार से संबंधित अनेक विषयों को समाहित करते हुए यह कोर्स अत्यंत जनहित वाला है । बढ़ती बीमारियों और कोविड काल मे स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए ब्रिज कोर्स मील का पत्थर साबित हो सकता है ।
फेडरेशन के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि
ब्रिज कोर्स में विभिन्न रोगों की पहचान, औषधियों के प्रभाव, दुष्प्रभाव, उत्सर्जन, पैथालोजिकल जांचें, रोगों से बचाव , संक्रामक रोगों , गंभीर बीमारियों, हृदय रोगों सहित विभिन्न रोगों के निदान, परीक्षण, जांच, उपचार आदि का विस्तृत अध्ययन कराया जाएगा ।
*इस ब्रिज कोर्स से योग्यता में वृद्धि के साथ ही जनता को अच्छी सुविधाएं भी प्राप्त हो सकेंगी ।
फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक, उपाध्यक्ष ओ पी सिंह, जिला अध्यक्ष एस एन सिंह, सचिव जी सी दुबे, डीपीए के जनपद अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी, मंत्री वी पी सिंह, दिलीप तिवारी, संरक्षक आर एन डी द्विवेदी, अखिल सिंह, राजेश यादव, शिरीष मिश्रा ने कहा कि जल्द ही महामहिम राज्यपाल से मिलकर बी एच यू सहित प्रदेश के अन्य फार्मेसी संस्थानों में इसका संचालन प्रारंभ करने हेतु अनुरोध किया जाएगा।

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