बच्चों में बढ़ रही फैटी लिवर की समस्या
लखनऊ । बाहर की चीजें खाने से बच्चों में लिवर फैटी और मोटापे की समस्या बढ़ रही है। हर 10 में से एक व दो बच्चे फैटी लिवर व मोटापे से पीड़ित हैं। डॉक्टर का इसका कारण टीवी, मोबाइल का अधिक उपयोग और खेलकूद गतिविधियों में आयी। यह बातें शनिवार को पीजीआई के पीडियाट्रिक गेस्टोइंट्रोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस पर आयोजित सेमिनार में विभाग की डॉ. अर्घ्य समानता ने दी। संस्थान में इस विभाग को खुले हुए 16 साल पूरे हो गए हैं। पीडियाट्रिक गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग देश में सबसे पहले पीजीआई में शुरू हुआ था।
ओपीडी में आ रहे फैटी लिवर के दो से तीन बच्चे
डॉ. अर्घ्य ने बताया कि शरीरिक गतिविधियां घटने से बच्चों के लिवर में फैट जम रहा है। बच्चों में फैटी लीवर के मामले लगातार बढ़ रहे है।
पीजीआई की ओपीडी में फैटी लिवर के दो से तीन बच्चे आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बड़ों की तरह बच्चों में भी लिवर प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ रही है। बच्चों में शुरूआत में कोई लक्षण नहीं होते हैं। खून की कुछ जांचें और अल्ट्रा साउण्ड कराने पर पता चलता है। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों के खानपान पर ध्यान दें। लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश शनमुगम ने बताया कि खून को साफ करने के लिए थेराप्यूटिक प्लाज्मा एक्सजेंस तकनीक का उपयोग किया जाता है।
स तकनीक के कुछ बच्चों में बेहतर परिणाम मिले हैं। इसमें लिवर से खून निकालकर खून में मिले एंटीबॉडी, असामान्य प्रोटीन या अन्य हानिकारक पदार्थों को हटाया जाता है। यह प्रक्रिया तीन से चार बार करने से खून साफ हो जाता है। सम्मेलन में देश भर से आए पेट रोग विशेषज्ञों ने बच्चों के लिवर, पैंक्रियाज, आंत समेत दूसरी बीमारियों के इलाज व जांच की नवीन तकनीक साझा की।