लखनऊ – फाइलेरिया की रोकथाम के लिए आज से विशेष अभियान शुरू किया जायेगा। 14 से 18 नव बर तक चलने वाले इस अभियान में दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड्कर सभी को दवा खिलाई जायेगी। यह जानकारी एसीएमओ डा के.पी. त्रिपाठी ने आज फाइलेरिया नियंत्रण एवं मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन पर हुई कार्यशाला में यह जानकारी देते हुए बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत घर-घर जाकर दवा खिलायी जायेगी, इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम, आशा बहुओं व कई सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं की टीमें बनायी गयी है। यह अभियान लखनऊ सहित प्रदेश के 20 जिलों में चलेगा।
जिला मलेरिया अधिकारी डीएन शुक्ला ने बताया कि फाइलेरिया या हाथीपांव एक गंभीर संक्रामक रोग है जो मच्छरों के काटने से होता है। सरकार इसके लिए 2004 से अभियान चला रही है, उसमें दो दवाएं खिलायी जाती हैं उसे खाली पेट नहीं खाना है। एक डीईसी व दूसरी अल्बेंडाजोल, 2 से 5 साल के बच्चों को एक गोली, 6 से 14 साल के बच्चों को दो गोली व 15 साल व उससे ऊपर के लोगों को 3 गोली एक साथ खाना है। ये बीमारी 10 साल बाद अपना प्रभाव दिखाती है, इसलिए इसे सभी लोग जिन्हें कोई लक्षण न भी दिख रहा हो, तब भी दवा खाना जरूरी है।
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