लखनऊ। अब सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की पुर्ननियुक्ति से पहले शारीरिक व मानसिक फिटनेस टेस्ट किया जाएगा। वहीं पहले से पुर्ननियुक्ति योजना के तहत तैनात डॉक्टरों की भी स्वास्थ्य जांच की जा रही है। बताया जाता है कि जांच के बाद काफी बीमार डॉक्टरों की छुट्टी हो सकती है।
अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकारी अस्पतालों से सेवानिवृत्त डॉक्टरों को पुर्ननियुक्ति पर तैनात किया जा रहा है। 65 वर्ष पूरे होने तक इन डॉक्टरों की तैनाती का नियम है। बताया जाता है कि काफी संख्या में डॉक्टर शारीरिक व मानसिक रूप से पूरी तरह से फिट नहीं है। उनकी अस्पतालों में तैनात से मरीजों को डॉक्टरों की योग्यता का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने पुर्ननियुक्ति पर रखे जाने वाले डॉक्टरों की मेडिकल फिटनेस टेस्ट कराने का फैसला किया है। इसमें डॉक्टर की स्वास्थ्य संबंधी जांच में कार्डियक , फेफड़े, आंख, हड्डी व मानसिक स्थिति को परखा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि फिटनेस टेस्ट में पास न होने पर डॉक्टरों को पुर्ननियुक्ति में नहीं रखा जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की देख-रेख में जांच करायी जा रही है।