लखनऊ। जन्मजात पैरों की विकृतियां भी समय रहते सटीक इलाज ठीक की जा सकती है। सरकारी अस्पतालों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) के तहत व निजी संस्था की मदद से ऑपरेशन कर क्लबफुट का निशुल्क सर्जरी की जा रही है। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जन्मजात विकृति क्लबफुट से ठीक हो चुके बच्चों को सम्मानित किया गया।
स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व स्वयंसेवी संस्था अनुष्का फाउंडेशन के सहयोग से बृहस्पतिवार को लोहिया संस्थान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि अनुष्का फाउंडेशन की मदद से बच्चे पैरों पर फिर से खड़े हो रहे हैं। यह सराहनीय कार्य है।
संस्था के सहयोग से पिछले पांच वर्षो में क्लब फुट से पीड़ित 12000 बच्चों की पहचान की गयी। इसमें एक हजार बच्चों का सफल इलाज किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आगे के लिए ऐसी योजना बनायी जाए ,ताकि क्लब फुट से पीड़ित कोई भी बच्चा इलाज बिना के रह जाए। उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में जन्मजात विकृतियां लाइलाज नहीं हैं।
परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि जब समाज एक साथ खड़ा होता है, तो किसी भी समस्या से सरलता से निजात पाया जा सकता है। चाहे वह क्लब फुट हो या कटे होंठ या तालू की समस्या हो। लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि बच्चों को फुट क्लब जैसी जन्मजात बीमारी से निजात दिलाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा। स्वयं सेवी संस्थाओं का सहयोग भी आवश्यक है।