लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में जनरल सर्जरी विभाग में वर्षो से काम कर रहे आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की लिखित परीक्षा का आयोजन कराने जा रहा है। यहां परीक्षा 26 मार्च को आयोजित की गयी है। इस लिखित परीक्षा में जो कर्मचारी पास होगा, वही नौकरी करता रहेगा। नौकरी जाने के डर से वर्षो से काम कर रहे करीब 70 कर्मचारी सहमें हुए है। इस परीक्षा की महत्वपूर्ण बात यह है कि लिखित परीक्षा की जानकारी न तो केजीएमयू प्रशासन के पास है और न ही विभाग प्रमुख को है।
26 मार्च को होने वाली लिखित परीक्षा का खुलासा इस ऐसे हुआ कि बुधवार को सर्जरी विभाग में तैनात सहमें कर्मचारियों ने केजीएमयू के कुलसचिव को एक फरियादी पत्र भेजा। पत्र में कहा गया है कि केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग में लगभग दस वर्षों से 40 ज्यादा कर्मचारी नियमों के अनुसार कार्य पूरी इमानदारी से करते आ रहे हैं, वह लोग कोरोना महामारी में लगातार कार्य करते रहे। कोरोना काल में सभी कर्मचारी योग्य थे, लेकिन अब उन्हीं कर्मचारियों की योग्यता पर प्रश्न चिह्न लग गया है। बताते है कि एजेंसी लिखित परिक्षा के नाम पर कुछ कर्मचारियों हटाने की साजिश चल रही है आैर अपने नये कर्मचारियों को तैनात करना चाहती है। इस पर केजीएमयू के कर्मचारी परिषद ने भी सर्जरी विभाग के विभाग प्रमुख को पत्र भेज कर कहा है कि लिखित परिक्षा के लिए न तो शासन और न ही हाईकोर्ट द्वारा कोई निर्देश आया है। ऐसे में लिखित परिक्षा करा कर उस कमेटी पर सवालिया निशान लगाया जा रहा है, जिसने इन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का पहले साक्षात्कार लिया था। बताते है कि शासन द्वारा आउट र्सोसिग कर्मचारियों का वेतन बढ़ने के बाद लोग तैना…