लखनऊ। शहर में ठाकुरगंज में पकड़े गये फर्जी ब्लड बैक से जुड़े हुए ब्लड बैकों व निजी अस्पतालों को बचाने की कवायद शुरु हो गयी हंै। खामियां मिलने के बाद खाद्य एवं आैषधि विभाग (एफडीए) प्रशासन कार्रवाई करने में नाकाम है। ठाकुरगंज में पकड़े गये फर्जी ब्लड बैंक में ब्लड यूनिट बैग व प्लाज्मा बैग बरामद होने के बाद अभी तक बैच नम्बर के आधार पर जानकारी हासिल नही हो सकी है।
जून के प्रथम सप्ताह में ठाकुरगंज में फर्जी ब्लड बैंक पकड़ा गया था। ब्लड बैंक में काफी संख्या में ब्लड बैग बरामद हुआ था। यह ब्लड बैग सिर्फ ब्लड बैंकों को ही दिया जाता है। अगर वहां पर ब्लड बैग बरामद हुआ तो किसी न किसी ब्लड बैंक से गिरोह चलाने वाले से सम्पर्क में था। उसने कई ब्लड बैंकों के नाम भी कबूले थे। वहां पर प्लाज्मा भी मिला था। इसके अलावा फर्जी स्टीकर व बिल भी बरामद हुए थे। एफडीए ने इसके बाद इंदिरा नगर के शेखर हास्पिटल पर छापा मार कर कई गड़बड़ी पकड़ी थी। इसके बाद रायबरेली रोड स्थित ओपी चौधरी ब्लड बैंक में भी गंभीर खामियां मिली थी। एफडीए का कहना था कि ब्लड बैग को तीन कम्पनियां आपूर्ति करती है।
सभी को नोटिस भेजी गयी है, पर एक महीना बीतने के बाद भी अभी तक ब्लड बैग का बैच नम्बर के आधार पर पता ही नही चल सका है। इसके अलावा फर्जी ब्लड बैंक से प्लाज्मा खरीदने वाले मरीज की भी छानबीन करने वाले उजाला नर्सिंग में भी छापा डाला गया था, वहां पर भी खामियंा मिली थी लेकिन अभी तक उजाला नर्सिंग होम को भी बंद नहीं कराया जा सका है। अगर सूत्रों की माने तो फर्जी ब्लड बैंक में कई ब्लड बैंकों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे में जांच पड़ताल में लापरवाही बरत कर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि एफडीए के एक अधिकारी का कहना है कि जांच रिपोर्ट को शासन भेज दिया गया है।