लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मेडिसिन विभाग स्थित गांधी वार्ड में गंभीर मरीजों को इलाज मिलना मुश्किल हो रहा है। कई दिनों से रिसाव हो रही पानी की पाइप लाइन मरम्मत न होने आज फट गयी, जिससे डायलिसिस यूनिट में पानी भर गया। इस कारण मरीजों की डायलिसिस नहीं हो सकी। यही नही ग्राउंड फ्लोर पर स्थित इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में तीन दिन से टपकते पानी के कारण डाक्टर से मरीज से ज्यादा संवेदनशील उपकरण बचाने में जुटे थे। आज बारिश की तरह छत टपकने लगी, तो वहां पर हड़कम्प मच गया। यहां के डाक्टरों का कहना है कि केजीएमयू के सिविल विभाग में कई बार शिकायत की गयी, लेकिन वहां पर कोई सुनवाई नहीं होती है, जिससे मरीजों का इलाज प्रभावित होता है।
मेडिसिन विभाग के गांधी वार्ड में मरीजों से हमेशा बिस्तर फुल रहते है। विभाग में गंभीर मरीजों के लिए इंटेसिव केयर यू(आईसीयू) व किडनी के मरीजों की डायलिसिस के लिए यूनिट भी लगी है। प्रथम तल पर लगी डायलिसिस यूनिट में जब आज किडनी के मरीजों की डायलिसिस की तैयारी की जा रही थी, कि तभी छत से पहले पानी टपकने लगा, जब तक वहां पर डाक्टर, पैरामेडिकल व अन्य कर्मचारी समझ पाते तब तक टपकने नहीं बहने लगा। कुछ देर में पानी भरने लगा तो मरीजों की डायलिसिस रोकनी पड़ गयी। डाक्टर अपने उपकरण बचाने लगे। पानी भर गया तो उसे निकालने में काफी देर हो गयी। इससे डायलिसिस के लिए आये मरीजों की डायलिसिस टाल दी गयी।
मरीजों को नयी डेट दे दी गयी है। इसी प्रकार आईसीयू में तैनात डाक्टर तीन दिन से छत से टपकते पानी की शिकायत केजीएमयू के जिम्मेदारी अधिकारियों से कर चुके है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने से आज छत से पानी बरसात की तरह टपकने लगा। तो वहां पर अफरा-तफरी मच गयी। डाक्टर व नर्सिंग स्टाफ संवेदनशील उपकरणों को पहले बचाने में जुट गये। उनका कहना था कि एक बूंद भी पानी चला गया तो लाखों रुपये उपकरण बेकार चले जाएंगे। यहां पर मरीजों का इलाज काफी देर तक प्रभावित रहा। बताते है कि कुछ देर बाद पानी गिरना बंद हो गया।
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