न्यूज। लगातार वायु प्रदूषण के चपेट में रहने से गर्भपात का खतरा बढ सकता है। यही नहीं कुछ देर वायु प्रदूषण रहना भी गर्भवती महिला के लिए घातक है। यह चौकाने वाली जानकारी एक नए अध्ययन में बात निकल कर आई है।
बढ़ते वायु प्रदूषण को दमा से लेकर समयपूर्व प्रसव तक, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले तमाम बुरे प्रभावों से जोड़ कर शोध कार्य किया जा रहा है।
अमेरिका के यूटा विश्वविद्यालय के लम्बे समय तक शोध के बाद अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि यूटा राज्य की सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं जब वायु प्रदूषण का स्तर बढने के बाद उसके संपर्क में आ रही है तो उनमें गर्भपात होने का खतरा ज्यादा बढता जा रहा है।
वर्ष 2007 से 2015 तक किए गए इस अध्ययन शोध में 1300 महिलाएं शामिल थीं, जिन्होंने गर्भपात के बाद (20 हफ्ते की गर्भावस्था तक) चिकित्सीय मदद के लिए आपातकालीन विभाग का रुख किया था। अनुसंधानकर्ता वैज्ञानिकों की टीम ने हवा में तीन साधारण प्रदूषक तत्वों – अतिसूक्ष्म कणों (पीएम 2.5), नाइट्रोजन ऑक्साइड आैर ओजोन की मात्रा बढ जाने के बाद तीन से सात दिन की अवधि के दौरान गर्भपात के खतरे को जांचा।
इस टीम ने पाया कि नाइट्रोजन ऑक्साइड के बढे स्तर के संपर्क में आने वाली महिलाओं को गर्भपात होने का खतरा 16 प्रतिशत तक बढ गया। बताते चले कि यह अध्ययन फर्टिलिटी एंड स्टर्लिटी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
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