लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बाल रोग विभाग में रविवार को आक्सीजन सिलेंडर में नोजल फट जाने से रिसाव होने लगा। इसके कारण विभाग में अफरा-तफरी मच गयी। बड़ी मुश्किल से गैस के रिसाव पर नियंत्रण पाया गया। मौके पर पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का दावा है कि नोजल ढीला हो गया था कि जिस पर तत्काल नियंत्रण पा लिया गया। नोजल नहीं फटा था।
बाल रोग विभाग में अभी आक्सीजन सिलेंडर का ही प्रयोग किया जा रहा है। इन नवजात शिशुओं की जीवन रक्षा के लिए लगाये जाने वाले आक्सीजन सिलेडरों की देख रेख व मरम्मत का काम बहुत कम ही हो पाता है। अक्सर देखा जाता है कि सिलेंडर में आक्सीजन गैस को चलता देखने के लिए पानी का बाक्स लगा रहता है, लेकिन यह बाक्स टूटा या खराब होने के कारण पता नही चल पाता है कि अाक्सीजन चल रही है या नहीं चल रही है। नोजल भी अक्सर सही तरीके से फिट नहीं होते है। बताया जाता है कि रविवार को बड़े आक्सीजन सिलेंडर में नोजल पाइप सही फिट नहीं था। कुछ देर तेजी से आक्सीजन का रिसाव हुआ आैर फट कर निकल गया।
बताते है कि मौके पर कोई बच्चा व अन्य कोई नहीं था। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। आक्सीजन सिलेंडर से नोजल फटने के बाद गैस का रिसाव तेजी से होने लगा। लोगों में अफरा-तफरी मच गयी। वहां पर लोगों ने अफवाह फैला दिया कि सिलेंडर फट सकता है। मौके पर पहुंचे कर्मचारियों ने किसी तरह आक्सीजन सिलेडर से रिसाव पर नियंत्रण पाया गया। मौके पर पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस एन शंखवार ने बताया कि आक्सीजन सिलेंडर का नोजल पाइप से ही रिसाव हुआ था, जिसे जल्द ही नियंत्रण पा लिया गया था।