उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों में गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग करने वाली जनहित याचिका को आज खारिज कर दिया। इस याचिका ने महाराष्ट्र पशु संरक्षण संशोधित अधिनियम 2015 को चुनौती दी जिसके अनुसार राज्य में पशु हत्या, बीफ को रखने व इसके आयात पर प्रतिबंध है। पिछले साल मार्च में महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम 1976 में संशोधन लाते हुए राज्य की भाजपा सरकार ने पशुओं की हत्या पर प्रतिबंध लगाया था जिसे बांबे हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी थी। बांबे हाई कोर्ट ने मई में इस प्रतिबंध को जारी रखते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य से बाहर पशुओं की हत्या जुर्म नहीं माना जाएगा।
महाराष्ट्र के करीब 36 बीफ डीलर्स ने अगस्त में प्रतिबंध को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। ये चाहते थे कि कोर्ट की ओर से 16 साल से अधिक उम्र वाले सांडों और बैलों के हत्या की अनुमति मिले पर गौ हत्या की नहीं। उनका कहना था कि 16 साल की उम्र के बाद खेती व अन्य कामों के लिए ये पशु सक्षम नहीं होते हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इसने पहले ही अवैध तौर पर पशुओं के आयात-निर्यात को बंद करने के लिए आदेश पारित कर दिया है।