लखनऊ। क्वीन मेरी अस्पताल ने लगभग ढाई महीने बाद जच्चा- बच्चा को उनके परिजनों को तलाश कर मिलवा दिया। परिजन गर्भवस्था के दौरान छोड़ कर भाग गये थे आैर क्वीन मेरी अस्पताल के स्टाफ ने ही दोंनों की देखभाल की थी।
सितम्बर महीने में मोहनलालगंज निवासी सुमेरन अपनी नौ माह की गर्भवती नंदनी को क्वीनमेरी अस्पताल में भर्ती के लिए लाया। यहां पर डॉ.उर्मिला सिंह की टीम ने उसकी पत्नी को भर्ती किया। भर्ती के बाद ही गर्भवती महिला को छोड़कर उसका पति सुमेरन गायब हो गया। यही नहीं उसके साथ आई महिला रिश्तेदार भी दोबारा अस्पताल में नहीं तलाश करने के बाद भी नहीं मिली। डाक्टरों को दो दिन तक महिला के परिजनों की जानकारी नहीं मिली तो उससे पूछताछ की गई, लेकिन वो कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं थी। तबियत सही नही होने के कारण महिला को झटके आ रहे थे, जिसकी वजह से उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी।
डाक्टरों ने लगभग सप्ताह भर देखने के बाद महिला की सूचना केजीएमयू के ट्रॉमा पुलिस चौकी को दी गई। पर्चे पर दर्ज पते पर पुलिस सुमेरन को खोजने गई तो वो नहीं मिला। इसी बीच महिला ने स्वस्थ्य शिशु को भी जन्म दिया। डाक्टरों की प्रयास के बाद वह पूरी तरह से ठीक हो गयी, तो महिला ने किसी तरह से अपना पता बताया। नवजात की देखभाल अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने की। इसी बीच पुलिस बताये गये पते पर सुमेरन को युसुफनगर गोसाइगंज में मिला तलाश कर लिया। इस सोमवार को अस्पताल प्रशासन ने उसकी आइडी वैरीफाई करने के बाद पत्नी और शिशु को उसे सौंप दिया। डॉ.उर्मिला सिंह ने बताया कि
महिला के पति को पुलिस ढूढकर लाई उसकी आइडी वैरीफाई करने के बाद पत्नी और ब’चे को उसे सौंप दिया गया है।
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