लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 1984बैच के जार्जियन ने 35 वर्ष बाद रियूनियन प्रोग्राम का आयोजन किया। प्रोग्राम में देश विदेश से अपनी यादें साझा किया।
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1984 का बैच का रियूनियन जो कि सिल्वर जुबली के बाद अक्सर लोग गोल्डेन जुबली मनाते है और जिसमें ज्यादातर ये देखा गया है कि लोग अक्सर अस्वथ होते है या कुछ लोग साथ छोड़ कर दुनिया से विदा ले लेते है। इसको ध्यान में रखते हुये पहली बार 1984 बैच द्वारा 35 साथ बाद आज दोबारा रियूनियन का प्रोग्राम आयोजित किया गया है।
यह प्रोग्राम 16 दिसम्बर से 18 दिसम्बर 2022 तक चला। इस प्रोग्राम का मुख्य उददेश यह है कि लोग 25 वर्ष बाद 35 वे वर्ष में भी एक दूसरे से रूबरू हों क्योंकि इस उम्र में ज्यादातर लोग प्रोफेसन हाईट पर होते हैं इसके साथ साथ बच्चों की जिम्मेदारियां भी खत्म होने के करीब होती है। कुछ के बच्चों की शादियों भी हो जाती है। इस वजह से बैच के लोगों में इसे सेलीब्रेट करने का उत्साह होता है। इसी थीम पर 1984 बैच द्वारा के०जी०एम०यू० जार्जियन द्वारा आयोजित किया गया है। यह प्रोग्राम पिछले 3 वर्षों से कोविड के कारण पेंडिंग था जिसे आज उत्साह पूर्वक सम्मपन्न किया गया। इसमें 300 लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। जिसमें 3 या 4 लोग विदेशों से भी आये थे तथा लोगों ने अपनी पुरानी यादों को ताजा किया और अपने परिवार को भी के०जी०एम०यू० से रूबरू कराया जिसका प्रमुख श्रेय डा० पावा डा० जे०डी० रावत डा० आशूतोष तथा डा० अपुल गोयल को जाता है।