जब व्यक्ति रोज़मर्रा की जिंदगी के हालातों को नहीं संभाल पाता तब वह घबराहट का शिकार हो जाता है। घबराहट के दौरान व्यक्ति के एड्रेनालाईन ग्रंथि पर दबाव बढ़ता है। जब व्यक्ति अपने मन व शरीर पर जरूरत से ज्यादा दबाव डालता है तो वह खुद आपे से बाहर हो जाता है। घबराहट जैसे रोग से बाहर आने के लिए व्यक्ति को एक प्रशिक्षित विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।
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ये हालात से लड़ने व तनाव से जूझने में रोगी की मदद करते हैं। एक कुशल पेशेवर दुष्चिंता से लड़ने के लिए कुछ वैकल्पिक दवाएं भी दे सकता है। यदि व्यक्ति तनाव के दौरान अपने आहार पर ध्यान केंद्रीत करें तो यह तनाव को कम करने का एक सरल तरीका हो सकता है।
कुछ खाद्य पदार्थ सच में दुष्चिंता व तनाव से लड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं –
- साबुत अनाज से बनी चीज़ों के सेवन से केवल हमारे शरीर को ताकत ही नहीं मिलती बल्कि ये हमें कोई मानसिक रोगों से लड़ने की शक्ति भी प्रदान करतें हैं। मैग्नीशियम की कमी दुष्चिंता का मुख्य कारण है जबकि यह पोषण तत्व साबुत अनाज में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा, साबुत अनाज में मौजूद ट्रिप्टोफेन रोगी के मन को शांत एवं उसकी भूख को मिटाता है।
- जो लोग लासा को नहीं पचा सकते वे साबुत अनाज के बजाय समुद्री शैवल का सेवन कर सकते हैं। यह खाद्य पदार्थ भी मैग्नीशियम व ट्रिप्टोफेन से समृद्ध है एवं रोगी को दुष्चिंता से लड़ने के लिए बल प्रदान करता है।
- एंटीऑक्सीडेंट व प्याटोनूट्रीअन्ट से धनी ब्लूबेरी व जामुन दुष्चिंता से लड़ने में रोगी की मदद करते हैं। इस सुपर फूड में विटामिन भी पाए जाते हैं तथा ये खाद्य पदार्थ रोगी के मन को सुकून प्रदान करते हैं।
- बादाम में केवल प्रोटीन ही नहीं बल्कि ज़िंक और आयरन भी होते हैं। ये पोषण तत्व रोगी के मूड को संतुलित बनाए रखते हैं तथा दिमाग को ठंडा रखते हैं।
- अक्सर आपने रोगियों को दुख व चिंता में आइसक्रीम या चॉकलेट खाते देखा होगा। चॉकलेट के सेवन से कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर घटता है तथा तनाव कम होने पर रोगी को आराम मिलता है।