गोमती नदी में कांस्टेबल की वर्दी में मिली लाश

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लखनऊ – उत्तर प्रदेश में खाकी भी सुरक्षित नहीं है। बीते कुछ दिनों से पुलिसकर्मियों की ताबड़तोड़ हत्याएं हो रही जो एक बेहद गम्भीर मुद्दा है। अभी 30 जून को बिजनौर के मंडावर थाने के बालावली चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज सहजोर मलिक की बदमाशों ने गला रेतकर हत्या कर दिया था। वहीं अभी ताजा मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देखने को मिला, जहां गोमती नगर थानाक्षेत्र स्थित सीओ गोमतीनगर कार्यालय के पीछे गोमती नदी में एक पुलिसकर्मी का शव मिलने से सनसनी फैल गयी। पुलिसकर्मी अपने पूरे वर्दी में था। वर्दी पर लग नेमप्लेट पर अंकित पीएनओ नम्बर से मृतक की पहचान हो सकी। मृतक पुलिसकर्मी के परिजनों में हत्या की आशंका जताया है।

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जानकारी के अनुसार मूल रूप से जनपद बांदा निवासी मनोज कुमार शुक्ला (42) इन्दिरा नगर सेक्टर 19 में सपरिवार रहते थे। मनोज लखनऊ में एडवोकेट जनरल यूपी राघवेंद्र कुमार सिंह की सुरक्षा में तैनात थे। मनोज की ड्यिूटी ट्रान्सफर कर दी गयी थी जिसकी वजह से इनको 1 जुलाई को पुलिस लाइन में आमद करानी थी। मनोज एडवोकेट जरल के घर से आखिरी ड्यूटी करने के बाद अपने इन्दिरानगर स्थित आवास गये व अपना राइफल रखे उसके कुछ देर बाद कहीं निकल गये। मृतक के भाई विनीत शुक्ला ने बताया कि उनके भाई ड्यूटी के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते थे इसलिए किसी ने गुमसूदगी दर्ज नहीं करायी गयी।

सोमवार शाम करीब 4.30 बजे गोमती नगर के गोमती नदी किनारे स्थित सीओ गोमतीनगर कार्यालय के पीछे मानोज का शव मिलने की सूचना पर स्थानीय पुलिस के अलावा एडीजी अभय प्रताप व एसएसपी दीपक कुमार भी मौके पर पहुंचे आलाधिकारियों के आदेश पर मौके पर फोरेंसिक टीम भी पहुंची वहीं फोरेंसिक एक्सपर्ट ने शव तकरीबन 2 दिन पुरानी है। शव काफी फूल चुका था जिसकी वजह से किसी बाहरी चोट या निशान का पता नहीं चल सका मौत की असली वजह पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा।

मनोज कुमार शुक्ला यूपी पुलिस ने कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। मनोज की लाश से कांस्टेबल टोपी व करीब 650 रुपये मिले। मनोज की शिनाख्त उनकी वर्दी पर लगे नेम प्लेट व बैच नम्बर से पता चल पाया।

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