लखनऊ। चिकित्सा संस्थानों में तैनात हजारों आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए गुड न्यूज है। इन कर्मियों का जल्द ही मानदेय का बढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री की पहल पर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय , पीजीआई, लोहिया और कैंसर संस्थान के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से आउटसोर्सिंग का वेतन बढ़ाने के लिए साझा प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय को भेज दिया है। बताया जाता है कि इन संस्थानों के अधिकारियों ने प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद जाहिर की है।
बताया जाता है कि बढ़ा हुआ वेतन प्रदेश के सभी मेडिकल संस्थानों के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को दिये जाने का प्रस्ताव है, लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सबसे पहले राजधानी के केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया व कैंसर संस्थान में व्यवस्था शुरू किये जाने की संभावना है। अगर देखा जाए तो इन चार प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में लगभग दस हजार आउंटर्सिंग पर कर्मी तैनात हैं। इसमें वार्ड ब्वॉय, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत दूसरे श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं। वर्तमान में इनका वेतन आठ हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक है। चारों संस्थानों में भी मानदेय भी एक समान नहीं दिया जाता है। सबसे कम मानदेय पर काम करने वाले कर्मचारी का लगभग डेढ़ गुना वेतन बढ़ोत्तरी हो सकती है। साझा प्रस्ताव में एक ही श्रेणी के कर्मचारियों के मानदेय के अंतर को समाप्त कर दिया गया है। इसमें कुशल, अर्धकुशल, अकुशल जैसी श्रेणियों में पदों को विभाजित किया गया है। इन पदों में भी व्यक्ति को उसकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर वेतन देने का प्रस्ताव है। ऐसा होने पर कुशल कर्मी को ज्यादा वेतन मिल सकेगा।
उधर लोहिया संस्थान में बीते 18 महीनों से बड़ी संख्या में रिटायर कर्मचारी तैनात किए जा रहे हैं। इसमें पीजीआई के रिटायर कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है। इन कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग कर्मियों से कई गुना ज्यादा वेतन मिल रहा है। इससे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।