लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में शुक्रवार से नयी डिप्थीरिया-पर्टुसिस-टिटनेस (डीपीटी) वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। संस्थान के अनुसार ट्रायल की जा रही दवा का नाम बूस्टा जेन है।
लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डा. एपी जैन ने बताया कि देश के अलग-अलग छह चिकित्सा संस्थानों में डीपीटी वैक्सीन की नयी दवा का ट्रॉयल शुरू हो गया है। इस ट्रायल में लोहिया संस्थान को भी शामिल कि या गया है। अधिकारियों का कहना है कि बूस्टा जेन वैक्सीन का लक्ष्य एडासेल वैक्सीन के साथ प्रतिस्पर्धा करना है। एडासेल वर्तमान में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन है। यह बच्चों को अलग-अलग उम्र में पांच खुराक दी जाती है।
लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि विशेषज्ञों की देखरेख में वैक्सीन का ट्रॉयल शुरू हो गया है। ट्रॉयल में 4-9 वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया है। 10 से17 वर्ष के किशोर और 18-65 वर्ष के वयस्क पर भी ट्रॉयल किया जा रहा है। प्रत्येक आयु वर्ग में 89 प्रतिभागियों को या तो वास्तविक वैक्सीन या प्लेसिबो प्राप्त होगा।
ट्रायल में 29 दिनों के अंतर पर वैक्सीन की दो खुराक दी जाएगी। फिर वैक्सीन की प्रभावशीलता निर्धारित करने के लिए एंटीबॉडी की जांच होगी। रिपोर्ट के आधार पर वैक्सीन के असर को मापा जाएगा। उन्होंने कहा कि लोहिया संस्थान को देश भर में नयी पहचान मिल रही है।