ग्रहण काल कासूतक शाम 4:00 बज कर 31 मिनट पर शुरू हो जाएगा आवश्यक बातें घर में रखे हुए जल में कुशा डाल देनी चाहिए इससे पानी दूषित नहीं होता है कुशा ना हो तो तुलसी का पौधा शास्त्रों के अनुसार पवित्र माना गया है वैज्ञानिक रूप से भी यह सक्षम है इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट आसपास मौजूद दूषित करो को मार देता हैं इसलिए खाद्य पदार्थ में डालने से उस भोजन पर ग्रहण का असर नहीं होता !
ग्रहण के सूतक और ग्रहण काल के दौरान कुछ कार्यों को ना करें ग्रहण काल में सबसे ज्यादा सावधानी गर्भवती महिलाओं को रखनी चाहिए इस दौरान वह सबसे ज्यादा संवेदनशील होती हैं और गर्भस्थ शिशु पर ग्रहण काल का असर विपरीत पड़ सकता है ! आइए जाने कि गर्भवती महिलाएं क्या सावधानी बरतें गर्भवती महिलाएं ग्रहण काल में एक नारियल अपने पास रखें इससे गर्भवती महिला पर वायुमंडल से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं पड़ेगा गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी वर्तनी चाहिए घर से बाहर ना निकले ग्रहण के समय भोजन करना ,भोजन पकाना, सोना नहीं चाहिए सब्जी काटना, सीना पिरोना ,आदि से बचना चाहिए उन पर चंद्र की छाया बिल्कुल ना पड़े इस बात का ध्यान रखें नाखून ना काटे , बाल न काटे , भोजन न करें , सहवास ना करें, झूठ ना बोले, निद्रा का त्याग करें ,मल मूत्र ना करें , चोरी ना करें , किसी भी प्रकार के पाप कर्म से दूर रहें !
और ग्रहण काल में अपने इष्ट देव शिव या गायत्री मंत्र का जाप करते रहें चंद्र ग्रहण के प्रभाव के चलते सूतक काल से ही मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे ग्रहण के समय पति और पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए इस दौरान यदि गर्भ ठहर गया तो संतान विकलांग या मानसिक रूप से विक्षिप्त तक हो सकती है! चंद्र ग्रहण के सूतक और चंद्र ग्रहण काल में स्नान दान जप तप पूजा पाठ मंत्र तीर्थ स्नान ध्यान हवन आदि करना बहुत लाभकारी रहता है! चंद्रमा के शुभ प्रभाव प्राप्त करने हेतु चंद्रमा के वैदिक मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जप करना चाहिए!
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