लखनऊ। प्रदेश के आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने कहा कि शहर ही नहीं गांवांे में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराना आयुष डाक्टरों की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में एलोपैथ के डॉक्टर जाना नहीं चाहते है। इसीलिए प्रदेश सरकार ने आयुष विधा के डाक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सीएचसी पीएचसी पर तैनात करने का निर्णय लिया है।
आयुष मंत्री को गन्ना संस्थान में नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सैनी ने कहा कि अगले साल आयुष की परीक्षा नीट से कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि गोमतीनगर में हैनीमैन चौराहे के पास आयुष भवन बनाये जाने का प्रस्ताव है।
इसके निर्माण के लिए जमीन देख ली गयी है। मंत्री ने कहा कि उनकी कोशिश है कि कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक आयुष विधा के डाक्टर पहुंचे। इसके लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि आप लोगों की जो भी समस्यायें हैं, उनका निराकरण किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने डाक्टरों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में डा. इजहार,डा. मुबासशिर , डा. रवि शंकर, डा. खुर्शीद , डा. अयाज, डा. आमिर आदि शामिल थे। आयुष के डाक्टरों ने मंत्री को ज्ञापन देकर मांग की कि पिछली सपा सरकार में नीमा के चिकित्सकों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किये गये थे, उन्हें हटाया जाये।
फिलहाल इस मुद्दे पर मंत्री ने कोई टिप्पणी नहीं की। नीमा चिकित्सकों ने कहा कि सरकार व प्रशासन उन्हें बेवजह परेशान करता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हम लोग ही मरीजों का उपचार करते हैं आैर बेहतर इलाज करने में सफल भी रहते है।