ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर डाका

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Photo Source: http://www.dcyphermedia.com/

लखनऊ। चर्चित हिंदी फिल्मी बंटी बबली की तरह इन दिनों राजधानी में भी एक गैंग सक्रिय हो गया है। यह गैंग लोगों की जेब के साथ-साथ उसके स्वास्थ्य पर डाका डाल रही है। राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र इन दिनों गैंग के राडार पर हैं। जहां स्वास्थ्य शिविर लगाकर गैंग के सदस्य भोली भाली जनता से इलाज के नाम पर गुणवत्ताहीन दवाएं बांटकर मनमानी रकम वसूल रहे हैं। गैंग की ठगी का यह खेल काकोरी, मलीहाबाद, माल समेत कई ग्रामीण क्षेत्रों में महीनों से जारी है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेगी, कि वह गैंग के खिलाफ कोई एक्शन लें।

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गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर करते हैं हर मर्ज का इलाज –

स्थानीय लोगों के अनुसार बीते नवबर माह में माल क्षेत्र के नवीपुर गांव, मलीहाबाद के महमूद नगर में बंटी बबली गैंग ने स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया था। शिविर आयोजन से पहले गैंग की सदस्य महिलायें क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को गांव में डॉक्टर के आने की जानकारी देती हैं। लोगों की मानें तो महिला सदस्यों के निशाने पर गांव की महिलायें प्रमुखता से रहती हैं, जिन्हें बताया जाता है कि डॉक्टर बहुत योग्य और पहुंची श िसयत हैं, उनके पास हर मर्ज की दवा मिलती है।

गैंग सदस्यों की बातों में आकर ग्रामीण आयोजित शिविर में डॉक्टर के पास अपनी-अपनी बीमारियों की समस्यायें लेकर पहुंच जाते हैं। शिविर में मौजूद गैंग का सरगना अनिल यादव खुद को डॉक्टर बताकर लोगों की समस्यायें सुनकर उन्हें वजन मशीन से उनका बजन तौलकर उन्हें गुणवत्ताविहीन दवाएं थमाकर इलाज के नाम पर मनमानी रकम वसूलता है।

एक से छह माह की अवधि का पांच हजार तक का है पैकेज-

ग्रामीणों के अनुसार इलाज के नाम पर एक माह, दो माह और छह माह की दवा का पैकेज होता है। इन पैकेज की कीमत एक हजार से शुरू 5000 रूपये तक है। इतना ही नहीं जो लोग पूरे पैकेज की कीमत नहीं दे पाते, उन्हें ह ते व दो ह ते की दवा देकर पैकेज की कीमत के अनुासार उतने दिन की कीमत वसूल ली जाती है।

तौल के भाव थमा देते हैं दवा-

ग्रामीणों के अनुसार शिविर लोगों को किस कंपनी की कौन सी दवा दी दी गई इसका पता लगाना आसान काम नहीं है। क्योंकि मरीज को दी गई यह दवाएं सफेद, लाल और पीले रंग की गोलियां व अखबार के कागज में पुडिय़ा बनाकर दे देते हैं। जिससे न तो दवा की कंपनी का नाम होता है और न ही एक्सपायरी डेट का पता चलता है। लोगों ने बताया कि यह दवाएं शिविर में आए मरीज को पैकेज अवधि के अनुरूप तौल के भाव में मिलती हैं।

गैंग की युवतियां गांव में डॉक्टर के आने की घर-घर जाकर देती हैं सूचना-

काकोरी और मलीहाबाद के स्थानीय लोगो ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों की गैंग में सरगना अनिल यादव के साथ-साथ तीन युवतियां, दो युवक शामिल हैं। गैंस की महिला सदस्य गांव में स्वास्थ्य शिविर आयोजित होने से पहले ही घर-घर जाकर डॉक्टर के आने की सूचना देती है। लोगों की मानें तो यह गैंग की महिला सदस्य ग्रामीणों को बताती हैं डॉक्टर साहब बहुच योग्य और पहुंचे हुये हैं वह मर्ज ठीक कर सकते हैं। भोलेभाले ग्रामीण बंटी बबली गैंग सदस्यों की बातों में दवा लेने के लिए शिविर में पहुंच जाते हैं।

ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले इस बंटी बबली गैंग के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। अपने अधिकारों के तहत सभी सीएचसी अधीक्षकों व पीएचसी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में लगने वाले हेल्थ कैंप की पूरी जानकारी रखने और संदिग्ध पर कार्यवाही के लिये सोमवार को स त निर्देश जारी करूंगा।

-डॉ. जीएस बाजपेई, सीएमओ लखनऊ

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