लखनऊ। देश में गुर्दा रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसके प्रमुख कारणों में डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, अत्यधिक दर्द निवारक गोयियों का सेवन, संक्रमण तथा मोटापा आदि हैं। यह जानकारी देते हुए इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. पीके गुप्ता ने बताया कि गुर्दा रोग से बचाव के लिए आज के दिन विश्व स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष की थीम में मोटापा को प्रमुख कारण के रूप में देखा जा रहा है जो कि उच्च रक्तचाप व डायबिटीज को बढ़ावा देता है, आखिर गुर्दा रोग होने की आशंका रहती है। उन्होंने बताया कि यदि समय रहते इस पर ध्यान न दिया गया तो महामारी का रूप ले सकता है।
विश्व गुर्दा दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम –
गौरतलब है कि मोटापा एक ऐसा रिस्क फैक्टर है जो दिनचर्या में सुधार से रोका जा सकता है। हाल के सर्वे के अनुसार मोटापा व गुर्दा रोग के बीच डायरेक्ट संबंध को दर्शाया गया। मोटापे के कारण मूत्र बनाने के लिए गुर्दों को अधिक काम करना पड़ता है, इस दबाव की वजह से गुर्दे में खराबी होने की आशंका रहती है। डा. गुप्ता ने बताया कि स्वस्थ्य जीवन शैली में सुबह तेज गति से चलना, दौड़ना, तली-भुनी चीजों का सेवन कम करना, फास्ट फूड से परहेज करना। इसके अलावा रक्त में लिपिड (फैट) की जांच कराते रहना चाहिए। वजन को नियंत्रण के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को 24 से कम रखना चाहिए। तीस से अधिक व्यक्ति मोटापे की श्रेणी में आते हैं।