लखनऊ। रेजीडेटों डाक्टरों की हड़ताल खत्म होने के बाद भी मंगलवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लोहिया संस्थान तथा पीजीआई में मरीजों की संख्या प्रतिदिन से ज्यादा दिखी। कल इलाज न मिलने के कारण मरीजों व तीमारदारों में अपना नंबर लगाने की हड़बड़ी साफ दिखी। बताते चले कि केजीएमयू, लोहिया संस्थान और एसजीपीजीआई में सोमवार को रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल होने की कारण ओपीडी में बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज नहीं हो पाया था। अगर आंकड़ो को देखा जाए तो लगभग 69 हजार मरीजों को इलाज ओपीडी में प्रभावित हो गया था, सामान्य तौर पर देखा जाए तो ढाई से तीन हजार से ज्यादा की जांचें मरीजों की नहीं हो पायी थी।
मंगलवार को तीन संस्थान की ओपीडी खुलने से पहले ही मरीजों की पर्चा काउंटर पर लाइन लग गई। इस दौरान ज्यादातर मरीज अपने पंजीकरण कराने के लिए जल्दबाजी में थे। ज्यादातर लोगों को डर सता रहा था कि कहींं आज फिर भी कोई अवरोध न हो जाए और उन्हें इलाज न मिलने के कारण लौटना पड़ा, हालांकि मरीजों की संख्या औसतन से ज्यादा ही रही। इससे स्थिति बीच- बीच में अनियंत्रित हो गयी, लेकिन काम काज चलता रहा। मंगलवार को केजीएमयू में लभग 8153, बलरामपुर अस्पताल में 3330, लोहिया में 2963 और सिविल में 2886 मरीजों ने पंजीयन कराया।
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