कम से कम २० ऐसे मिनरल्स या खनिज हैं, जो हमारे शरीर की चयापचय क्रिया के सही तरह से संपन्न होने के लिए बेहद जरूरी है। इनमें से कुछ खनिजों की हमें ज्यादा मात्रा में जरूरत पड़ती है। जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और सोडियम। इसके अलावा कुछ खनिजों की हमें कम मात्रा में जरूरत होती है , जिनमें प्रमुख हैं आयरन , जिंक, कॉपर, सेलेनियम, फ्लोराइड, आयोडीन, आदि। संतुलित भोजन से इन तमाम खनिजों की पूर्ति होती रहती है।
सोडियम :
लगभग सभी तरह के खाद्य पदार्थों में सोडियम पाया जाता है। खाने के नमक के अलावा कुछ और भी खाद्य पदार्थ हैं, जिनमें यह भरपुर मात्रा में पाया जाता है। जैसे प्रोसेस्ड फ़ूड, मछली, स्नैक्स फ़ूड, अचार, ब्रेड, खड़े अनाज, चीज और पानी।
मुख्य कार्य –
- शरीर के जल संतुलन को बनाये रखना।
- ह्रदय की लयबद्धता को सामान्य बनाये रखना।
- स्नायु तरंग तथा मांसपेशियों की संकुचन शक्ति को बरक़रार रखना आदि।
कैल्शियम :
इसके मुख्य स्रोत हैं दूध तथा दुग्ध उत्पाद, पत्तेदार हरी सब्जियां, सूखा मटर, फीन्स, गिरीदार फल, नींबू जाती के फल, वे मछलियां जिनकी हड्डियां खायी जा सकें, जैसे सार्डीन, सामन मछली और पानी।
मुख्य कार्य:
- दांतों का निर्माण, विकास और रखरखाव करना।
- स्नायु संबंधी आवेगों पर कण्ट्रोल करना।
- मांसपेशी की संकुचन शक्ति को बरकरार रखने में मदद करना।
- खून के थक्का बनने में मदद करना।
पोटेशियम :
खाद्य पदार्थों में इसके मुख्य स्रोत हैं -रोटी, सभी तरह के खड़े अनाज, पत्तेदार हरी सब्जियां, दालें, फलियां, मांस, दूध और फल खास तौर पर केला और संतरा।
मुख्य कार्य :
- शरीर के जल संतुलन को बनाये रखना।
- हृदय की गति को सामान्य रखना
- स्नायु तरंगों के उभरने और मांसपेशियों की संकुचन शक्ति को विकसित तथा बरकरार रखने में मदद करना।
मैग्नीशियम –
इस खनिज तत्व के प्रमुख स्रोत हैं: गिरीदार फल, फल, सोयाबीन, दूध, मछली, हरी सब्जी, सभी तरह के अनाज, रोटी और हार्ड वाटर।
मुख्य कार्य –
- दांतों और हड्डियों का निर्माण करना और उन्हें स्वस्थ रखना।
- स्नायु संबंधी आवेगों और मांसपेशीय संकुचन शक्ति पर कण्ट्रोल करना।
- कोशिकाओं में एनर्जी पैदा करने वाली रासायनिक क्रियाओं के संपन्न होने में मदद करना।
आयरन –
यह खनिज मांस, मछली, अंडे की जर्दी, लिवर, रोटी, कुछ पत्तेदार हरी सब्जियां, सभी तरह के अनाज, गिरीदार फल और बीन्स आदि में पाया जाता है। आहार में इस तत्व के अभाव से बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर इसका घातक प्रभाव पड़ता है।