लखनऊ। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को चित्रा नक्षत्र में भगवान शिव ने अपने अंश 11वें रूद्र से माता अंजना के गर्भ से हनुमान जी के रूप में जन्म लिया जिसे श्री हनुमान जयन्ती के रूप में मनाते है। इस वर्ष हनुमान जयन्ती 12 अप्रैल को है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 12 अप्रैल, प्रातः 03:21 बजे से और पूर्णिमा तिथि का समापन 13 अप्रैल, प्रातः 05:51 बजे होगा।
उदयातिथि के अनुसार हनुमान जयंती 12 अप्रैल को मनाई जाएगी। हनुमान जी का जन्मोत्सव राम नवमी के छह दिन बाद मनाया जाता है
12 अप्रैल को हस्त नक्षत्र सांयकाल 06:08 तक उपरान्त चित्रा नक्षत्र शुरू हो जायेगा। चन्द्रमा कन्या राशि में होगा। हनुमान जी कलयुग में सर्वाधिक पूजें जाने वाले जाग्रत देवता है। हनुमान जी भगवान शिव के अवतार है। इनकी पूजा तत्काल फल देने वाली है। इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की ठुड्डी (संस्कृत में हनु) टूट गई थी।
इसलिये उनको हनुमान का नाम दिया गया। इन्हें हनुमान, संकटमोचन, बजरंगबली, महावीर, पवन पुत्र, आंजनेय, केसरीनन्दन, मारुती आदि नामों से पुकारा जाता है इन्हें ग्राम देवता के रूप में भी पूजा जाता है। ये शक्ति, तेज और साहस के प्रतीक है। हनुमान भक्त इस दिन व्रत रख कर राम. सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी का पूजन कर भजन कीर्तन करते है। इस दिन व्रत रखकर रामचरित मानस के सुन्दर काण्ड का पाठ हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत लाभ दायक होता है। भगवान हनुमान को सिंदूर, चोला अर्पित किया जाता है , जो उन्हें अत्यंत प्रिय हैं. लाल वस्त्र, लाल चन्दन, लाल फूल, सिन्दूर चमेली के तेल का लेप, बेसन के लडडू और बूंदी से शीघ्र प्रसन्न होते है।
हनुमान जी की पूजा से जीवन में बल. बुद्धि. साहस, संकटों पर विजय, निरोगिता प्राप्त होती है और मंगल ग्रह सम्बंधी दोष दूर होते है शनि तथा राहु के दोषों के निवारण के लिए हनुमान की आराधना विशेष मानी गई है।
ज्योतिषाचार्य एस. एस. नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र अलीगंज, लखनऊ