हर बुखार डेंगू नहीं होता

0
572

लखनऊ। बरसात का मौसम आते ही मच्छर पनपने लगते हैं और मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बुखार का कारण होते हैं। इन बीमारियों से जागरूकता ही बचाव है। डेंगू बुखार और डेंगू रक्तस्रावी बुखार दुनिया में सबसे आम मच्छरजनित वायरल बीमारी है । यह एडीज़ मच्छर द्वारा प्रसारित वायरस के संक्रमण से होती है। डेंगू का प्रमुख लक्षण तेज बुखार है और इसमें 102-103 बुखार आना आम बात है । इसमें ज़्यादातर जोड़ों मांसपेशियों व हड्डियों में दर्द होता है। जी मिचलाना, जी घबराना, थकावट महसूस होना भी विभिन लक्षणों में से एक है । इसमें शरीर में छोटे चकत्ते या रैशेस हो जाते है। इन रैशेस में कभी-कभी खुजली भी होती है। ज़्यादातर डेंगू से पीड़ित मरीज आँख के पीछे दर्द की शिकायत करते हैं।

Advertisement

एडीज़ मच्छर दिन के समय काटता है। यह स्वच्छ व साफ पानी में अंडे देता है। इसकी एक अलग शारीरिक विशेषता होती है कि इसके शरीर पर काली व सफ़ेद धारियाँ होती हैं। हम एडीज़ मच्छर के प्रजनन को रोककर डेंगू से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए हमें ऐसे किसी भी जगह पर साफ पानी इकट्ठा ही नहीं करना चाहिए । इसके लिए पुराने टायर, गमले, कपड़े धोने के टैंक, पालतू जानवरों के खाने के कंटेनर, खुली बोतलें, कूलर, बिना ढके गड्ढे,ड्रम, घर की नालियों आदि में पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। हर दूसरे दिन गमलों के नीचे की प्लेटों से पानी निकाल देना चाहिए। कूलर का पानी नियमित रूप से बदल देना चाहिए । इसके साथ ही डेंगू से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े, पहनने चाहिए। मच्छररोधी क्रीम, मच्छरदानी, कोइल, मच्छर भगाने वाले यंत्रों का उपयोग करना चाहिये।

यदि कहीं छुट्टी पर जा रहे हैं तो घर की सभी नालियों के द्वार को जाली से सील कर दें। सभी टॉयलेट सीट के ढककर जाएँ। ऐसा स्थान जहां पानी इकट्ठा होता है या हो सकता है, वहाँ पर कीटनाशक छिड़ककर जाएँ। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि हर बुखार डेंगू नहीं होता है, फिर भी एहतियात के तौर पर 2 या तीन दिन से ज्यादा बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं व जांच करा सकते हैं। सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर यह निःशुल्क उपलब्ध है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अधिकृत लैब से ही डेंगू की पुष्टि होने के बाद समुचित इलाज कराएं और डेंगू पर पाएँ। इसके साथ ही डॉ. अग्रवाल ने स्कूलों से अपील की है कि वह बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनने के लिए निर्देशित करें।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleमांग पूरी न होने पर 25, 26 को 2 घंटे कार्य बहिष्कार
Next articleटेंडर गड़बड़ी प्रकरण स्वास्थ्य मंत्री सख्त

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here