लखनऊ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर नर्स, डायबिटीज आैर कोविड-19 विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य अतिथि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह जी ने कहा कि प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयों में स्थित लैब के माध्यम से डायबिटीज की मुफ्त जाँचें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में कार्यरत कम्यूनिटी हेल्थ वर्करों के माध्यम से गैर संचारी रोगों विशेषकर डायबिटीज की जाँच और उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के माध्यम से इंसुलिन सहित सभी प्रकार की औषधियों की सुविधा प्रदान की जा रही है तथा प्रदेश में 55 जनपदों में हीमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है, जिसे शीघ्र ही बढ़ाकर 75 जनपदों में किया जायेगा। साथ ही निःशुल्क अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्स-रे और तकनीकी लैब सुदृढीकरण किया जा रहा है।
वेबिनार का शुभारम्भ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मिशन निदेशक श्रीमती अपर्णा उपाध्याय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और एनएचएम की डायबिटीज के संबंध में योजनाओं और कार्यक्रमों के सम्बंध में बताते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप उन लोगों पर अधिक हो रहा है जो गैर-संचारी रोगों से पूर्व में ही पीड़ित हैं। आज 60 प्रतिशत से अधिक मौतों का कारण गैर-संचारी बीमारियाँ हैं। जीवन-शैली में सुधार करके इन गैर-संचारी रोगों में से प्रमुख बीमारी डायबिटीज से लोगों की रक्षा की जा सकती है। जल्द ही प्रदेश के स्कूल जाने वाले बच्चों की स्वास्थ्य जाँच के लिए संचालित कार्यक्रमों में भी डायबिटीज की जाँच को शामिल किया जा रहा है।
डायबिटीज पर नियंत्रण के लिए वेबिनार में केजीएमयू के डा. नरसिंह वर्मा ने कहा कि वर्तमान में वैश्विक स्वास्थ्य कर्मचारियों के आधे से अधिक की संख्या नर्सों की है, जिनकी मधुमेह पीड़ित रोगियों के उपचार में अति महत्वपूर्ण भूमिका है। आज के इस वेबिनार में प्रोफेसर वी. सेशैया, चेयरमैन, डायबिटीज रिसर्च इंस्टिट्यूट, चेन्नई ने कहा कि खराब जीवनशैली का सबसे खतरनाक असर गर्भावस्था के दौरान होता है, जबकि भ्रूण को माँ से टाइप-2 प्रकार का डायबिटीज होने की पूरी सम्भावना होती है। प्रत्येक गर्भवती महिला की गर्भावस्था के दौरान नियमित जाँच और उपचार कर इस बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है।
विशिष्ट अतिथि डा. राकेश दुबे, महानिदेशक, परिवार कल्याण ने भी कार्यक्रम के उद्देश्य, विभाग के लक्ष्य और कार्यक्रमों के सम्बंध में अपना उद्बोधन दिया। प्रदेश के सभी जनपद चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत एपीडेमोलाजिस्ट, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला फाइनेंस कम लाजिस्टिक कंसलटेंट, डाटा एंट्री आपरेटर, जनरल फिजीशियन, फीजियोथेरेपिस्ट, स्टाफनर्स, लैब टेकनीशियन एवं काउंसलरों ने जूम लिंक के माध्यम से इस वेबिनार में प्रतिभाग किया।*