लखनऊ। चिकित्सा अध्ययन के साथ भविष्य में आत्मरक्षार्थ गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान के एमबीबीएस मेडिकोज माशर्ल आर्ट सीख रहे हैं। ताकि कहीं भी कभी भी खुद की रक्षा करने में सक्षम हो सके। संस्थान में अब तक 160 छात्र-छात्राएं आत्मरक्षार्थ के माशर्ल आर्ट की तकनीक सीख चुके हैं। यह जानकारी लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने देते हुए कहा कि चिकित्सा अध्ययन के साथ ही आत्म रक्षा भी आवश्यक है।
डा. त्रिपाठी मिशन शक्ति के तहत आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने कहा कि मेडिकल छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षार्थ तकनीक आनी चाहिए, क्योंकि डॉक्टर 24 घंटे ड्यूटी पर रहता है। डाक्टर को कभी भी ऑनकाल हास्पिटल मरीज की हालत गंभीर होने पर बुलाया जा सकता है। रात में अकेले आना-जाना पड़ता है। यही नहीं महिला डॉक्टरों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। किसी भी परिस्थिति में डटकर मुकाबला कर सकती है। वह घबराएं नहीं आैर न ही परेशानी को छिपाएं। फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग प्रमुख डा. ऋचा चौधरी का कहना है कि कोविड -19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए छात्र-छात्राओं को कराटे का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। इससे सभी में आत्म विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के तहत सभी छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। आत्मरक्षा की तकनीक सीखायी जा रही है। कार्यक्रम में सहायक पुलिस आयुक्त श्वेता श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस से घबराने की जरूरत नहीं है। पुलिस पीड़ितों की मदद के लिए है। इसलिए बिना हिचक पुलिस से मदद ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 112 और 1090 जैसी कई हेल्पलाइन सेवाएं चल रही हैं। जिन पर फोन कर मदद हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अत्याचार कभी सहन न करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. नुजहत हुसैन ने किया। कार्यक्रम में डॉ. अनामिका, डॉ. दीप्ति , डॉ. रोमा, डॉ. इती आदि मौजूद थी।