लखनऊ। पीजीआई ने एक अभूतपूर्व चिकित्सा उपलब्धि हासिल करते हुए, एक छोटी क्षमता वाले मूत्राशय और दोनों गुर्दे की सूजन के साथ पेल्विक लिपोमैटोसिस के एक दुर्लभ बीमारी का इलाज के लिए दुनिया की पहली रोबोटिक सर्जरी में सफलता पायी है। सर्जरी में उन्नत दा विंची एक्सआई रोबोटिक प्रणाली का उपयोग की गयी।
यह सर्जरी यूरोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। दुनिया भर में केवल 231 ऐसे मामलों की रिपोर्ट की गई है, लेकिन उनमें से किसी में भी इस प्रकार का जटिल ऑपरेशन नहीं किया गया हैं।
प्रमुख सर्जन डॉ. उदय प्रताप सिंह ने बताया कि 24 वर्षीय अविवाहित पुरुष रोगी को पेल्विक लिपोमैटोसिस का पता चला था, जो एक दुर्लभ बीमारी है। इसमें पेल्विक क्षेत्र में वसा(फैट) जरुरत से ज्यादा जमा हो जाता है। इस स्थिति के कारण मूत्राशय की क्षमता बहुत कम हो गई थी और रूकावट के कारण दोनों गुर्दे ख़राब होने लगे थे।
रोग की जटिलता को देखते हुए यूरोलॉजी की सर्जिकल टीम ने दोनों मूत्रनली को फिर से जोड़ा , साथ में ऑग्मेंटेशन सिस्टोप्लास्टी करने का फैसला किया। इस प्रक्रिया में रोगी की आंत के एक हिस्से का उपयोग करके मूत्राशय को बड़ा करना शामिल था। इस प्रक्रिया की रिपोर्ट दुनिया में कहीं भी नहीं की गई थी। पेल्विक लिपोमैटोसिस एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें पेल्विक में अत्यधिक वसा जमा हो जाता है।
इससे कई जटिलताएँ हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं। वसा के बढ़ने से मूत्राशय संकुचित हो सकता है, जिससे इसकी क्षमता कम हो सकती है, जिससे हाइड्रोयूरेटेरोनेफ्रोसिस हो सकता है। इस स्थिति में मूत्र के जमाव के कारण मूत्रवाहिनी और गुर्दे में सूजन आ जाती है, जिससे दर्द और संभावित गुर्दे की क्षति हो सकती है। रोबोटिक सर्जरी पारंपरिक ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में कई लाभ प्रदान करती है, खासकर इस तरह के जटिल मामलों में रोबोटिक प्रणाली से सर्जन को बढ़ी हुई सटीकता, और नियंत्रण प्रदान करती है, जिससे रोगी के लिए बेहतर परिणाम मिलते हैं।
पीजीआई में डॉ. उदय प्रताप सिंह के नेतृत्व में सर्जिकल टीम ने दा विंची एक्सआई रोबोटिक सिस्टम का उपयोग करके दोनों मूत्रनली को फिर से जोड़ने के साथ औगमेंटशन सिस्टोप्लास्टी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। डॉ. संजय धीरज के नेतृत्व में एनेस्थीसिया टीम और नर्सिंग अफसर मनोज कुमार के नेतृत्व में स्टाफ टीम ने योगदान दिया।