एचआईवी संक्रमण से बचा सकती हैं दवायें

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लखनऊ (वीरेंद्र पांडेय) – एचआईवी से घबराने की जरूरत नहीं है,बल्कि इसका डट कर मुकाबला करने की आवष्यक्ता है। विषेषज्ञों की माने तो 28 दिन तक दवा खाने के बाद एचआईवी संक्रमण से बचा जा सकता है। यह 28 दिन का कोर्स उन लोगों के लिए है। जो अनजाने में एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आ गये हो या किसी अन्य प्रकार से जैसे सूई आदि लग गई हो जिससे एचआईवी संक्रमण होने का खतरा पैदा हो गया हो। साथ ही उन चिकित्सकों तथ चिकित्सकिये स्टाफ के लिए जो एचआईवी पाॅजिटिव व्यक्ति का इलाज अथवा आपरेशन करते है। यदि उनकों गलती से सिरिंज अथवा कुछ अन्य उपकरण लग जाये । जिससे एचआईवी होने का खतरा पैदा हो जाये।

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तो वो लोग भी एचआइवी संक्रमण से बच सकते हैं। वैसे तो चिकित्सकी स्टाफ से लेकर अस्पतालों मे साफ-सफाई करने वाले लोगों को एचआईवी से बचाव की जानकारी दी जाती है। इसके बाद भी यदि किसी को एचआईवी का संक्रमण होने की आशंका है तो वह अपने नजदीकी एआरटी सेन्टर से सम्पर्क कर चिकित्सक की सलाह पर पूरा कोर्स करें तो उन्हें एचआईवी का संक्रमण नहीं होगा। केजीएमयू के डाॅ.डी हिमांषु के मुताबिक चिकित्सकों से लेकर सभी मेडिकल स्टाफ को यह ट्रेनिंग दी जाती है कि यदि एचआईवी पाॅजिटिव व्यक्ति का आपरेशन करते समय यदि गलती से सिरिंज आदि लग जाये । तो तत्काल साफ पानी से उस जगह को धुल कर दवा का उपयोग शुरू कर दें । जिससे आने वाले समय में वह एचआईवी संक्रमण से बच सकते हैं।

एचआईवी संक्रमण होने की खबर मात्र से व्यक्ति के जीने की इच्छा लगभग खत्म हो जाती है –

उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति को यदि संक्रमित सिरिंज आदि लग गयी है । तो वह तत्काल जिला अस्पताल या सीएमओं कार्यालय से दवा ले कर अपने नजदीकी एआरटी सेंटर पर जाकर चिकित्सक की सलाह पर इलाज आरम्भ कर सकता है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में 6 साल के आंकड़ों की बात की जाये तो जिस भी व्यक्ति ने इस कोर्स को किया है। उसे एचआईवी संक्रमण नहीं हुआ है। एचआईवी संक्रमण होने की खबर मात्र से व्यक्ति के जीने की इच्छा लगभग खत्म हो जाती है। वहीं कुछ लोग तो एचआईवी पाॅजीटिव होने की जानकारी होते ही खुदखुषी तक कर लेते हैं। अभी हाल ही में राजधानी के मड़ियांव इलाके में दम्पती ने एचआईवी पाॅजीटिव होने के चलते आत्महत्या कर ली थी। जबकि चिकित्सकों की माने तो एचआईवी संक्रमण होने मात्र से किसी व्यक्ति की मौत नहीं होती। सही इलाज तथा जानकारी से एचआईवी पाॅजीटिव इंसान भी स्वस्थ्य व लम्बी जिंदगी जी सकता है।

मौजूदा समय में लखनऊ के लोहिया अस्पताल तथा केजीएमयू एआरटी सेंटरों पर लगभग 12000 एचआईवी पाॅजीटिव लोगों को इलाज चल रहा है और वो एक सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा जगत ने यह पहले ही साबित कर दिया है कि गर्भवती महिला में यदि समय रहते एचआइर्वी संक्रमण का पता चल जाये । तो उनके गर्भस्थ शिशु को एचआईवी संक्रमण से बचाया जा सकता है।

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