छत्तीसगढ में एक निजी अस्पताल में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नम्रता चटर्जी डेनियल की डिग्री मरीज के इलाज में प्रोटोकॉल का पालन नहींं करने पर निलंबन हो सकती है। इसकी की अनुशंसा कलेक्टर ने कर दी है। बताया जाता है कि डाक्टर पर मरीज की गंभीरता की जानकारी होने के बाद भी इलाज में लापरवाही बरती गयी। सूत्रों के अनुसार धमतरी के कलेक्टर डॉ़ सी आर प्रसन्ना ने रजिस्ट्रार अखिल भारतीय चिकित्सा परिषद् नई दिल्ली और रजिस्ट्रार छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल रायपुर को पत्र भेजा है।
वहंा पर अधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में क्रिश्चियन अस्पताल धमतरी में श्रीमती संगीता पैकरा गर्भवती थी आैर उनकी प्रसव पूर्व जांच की जा रही थी। वहां तैनात डॉ़ नम्रता चटर्जी डेनियल को प्रसूता की सभी गंभीर स्थितियों की जानकारी थी, इसके बावजूद उन्होंने मरीज के ऑपरेशन का निर्णय लिया आैर मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। मरीज की हालत गंभीर होने के बावजूद समय पर मरीज के परिजनों को जानकारी नहीं ली गयी और न ही अधिकृत रूप से सहमति ली।
हालत बिगड़ने पर परिजन मरीज को क्रिश्चियन अस्पताल से रेफर कराकर निकट के चटर्जी अस्पताल धमतरी ले गई। जहां मरीज की गंभीर हालत के अनुसार आईसीयू तथा आईसीसीयू जैसे क्रिटकल केयर यूनिक मौजूद ही नहीं थे। डॉक्टर की इस लापरवाही से श्रीमती पैकरा की पांच दिसंबर को मौत हो गई। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए कलेक्टर ने महिला डाक्टर के निलंबन की अनुशंसा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया तथा छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल से गयी है। लोगों का मानना है कि ऐसी लापरवाही बरतने पर डाक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि दूसरे डाक्टर सबक ले सके।