मधुमेह के नियंत्रण में भी कारगर है होम्योपैथी

0
951
Photo Source: etdna-ssl.com

लखनऊ – अनियमित जीवन शैली, शारीरिक श्रम की कमी, आलसी जीवन, तनाव, भाग-दौड़, वसायुक्त एवं जंक फूड आदि लोगों को डायबिटीज का रोगी बना रहें है। कुछ सावधानियां अपनाकर इस रोग पर नियंत्रण तथा इससे बचाव किया जा सकता है। यह विचार आज यहां लोक जीवन फांउडेशन के तत्वाधान में विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर मधुमेह के निंयत्रण में होम्योपैथी की भूमिका विषय पर कल्याणपुर में आयोजित जागरूकता संगोष्ठी में वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक एवं केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के सदस्य डा0 अनुरूद्ध वर्मा ने व्यक्त किये।

Advertisement

मधुमेह रोगी में होम्योपैथिक दवाईंया पैंक्रियाज को उत्प्रेेरित कर इन्सूलिन की मात्रा को नियमित एवं पर्याप्त श्रावित कर देती है। उन्होंने बताया कि इससे रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रित रहती है जिससे शरीर के हृदय, आँख, तंत्रिका तंत्र, गुर्दा आदि पर पड़ने वाला कुप्रभाव कम हो जाता है।

यह सुरक्षित है तथा इनका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है  –

होम्योपैथिक दवाईंयों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सुरक्षित है तथा इनका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है परन्तु औषधियों प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से ही लेनी चाहिए।  डा0 क्रान्ति कुमार सिंह ने कहा कि होम्योपैथिक दवाईंयों के साथ दिनचर्या को नियमित करना, खान-पान पर नियंत्रण रखना, व्यायाम, प्राणायाम एवं योग करना आवश्यक है। महिला होम्योपैथिक चिकित्सक डा0 लता वर्मा बताया कि गर्भवती महिलाओं को बहुत सतर्क रहना चाहिए क्योंकि मधुमेह का कुप्रभाव गर्भ में पलने वाले बच्चे पर बहुत ज्यादा पड़ता है।

संगोष्ठी को डा0 टी0पी0 गौड़, डा0 पंकज श्रीवास्तव, डा0 हर्षित कुमार, डा0 यू0बी0 त्रिपाठी, डा0 एफ0बी0 वर्मा, डा0 अवधेश द्विवेदी, डा0 राजकुमार, डा0 हरिशचन्द्र सिंह, चन्द्रशेखर गुप्ता आदि ने सम्बोधित किया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता फाउंडेशन के अध्यक्ष डा0 राजेश वर्मा ने की।

(डा0 राजेश वर्मा)
अध्यक्ष

Previous articleडा0 सूर्यकान्त भारी बहुमत से आइ0एम0ए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के अध्यक्ष बने
Next articleकद बढ़ाने के लिए योग

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here