लखनऊ। अगर लक्षणों को देखा जाए तो मरीजों में ब्रोनस्ट्रोक का प्रमुख कारण हाइपरटेंशन पाया जाता है। आकंड़ों के अनुसार करीब 75 प्रतिशत केस में ब्रोनस्ट्रोक केवल हाइपरटेंशन के कारण होता है। इसके साथ ही अगर हार्टअटैक का आंकड़ा भी देखे तो करीब 50 प्रतिशत हार्ट अटैक केवल हाई ब्लड प्रेशर आैर हाइपरटेंशन के कारण ही होते हैं। विश्व में हाइपरटेंशन मौत का प्रमुख कारण माना जाता है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लारी कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ प्रो. ऋषि सेठी ने बृहस्पतिवार विश्व हाइपरटेंशन दिवस के अवसर पर आईएमए में आयोजित कार्यशाला में दी।कार्यशाला में डा. नरसिंह वर्मा, डा. अनुज माहेश्वरी सहित अन्य विशेषज्ञों ने भी सम्बोधित किया।
उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन बीमारी का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इसका प्रमुख रूप से मोटापा, धूम्रपान, अधिक तनाव, शराब का सेवन है। अगर नियमित रूप से व्यायाम किया जाए आैर शराब का सेवन नहीं किया जाए व कम नमक के सेवन से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। प्रो. सेठी ने बताया कि नयी गाइड लाइन के मुताबिक ब्लड प्रेशर के लक्षणों को पहचानना चाहिए आैर समय नपवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर 120/80 सामान्य रक्तचाप कहा जाता है। इसके अलावा 120-129/80 से अधिक बढ़ा हुआ रक्तचाप कहलाता है।
वहीं अगर 130-139/80-89 स्टेजवन का हाइपरटेंशन की श्रेणी में आता है। इसके अलावा 140 से अधिक/ 90 से अधिक स्टेज टू की हाइपरटेंशन कहा जाता है। कार्यशाला में मौजूद हाइपरटेंशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव डॉ. अनुज माहेश्वरी ने बताया कि अक्सर लोगों को ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है लेकिन उन्हें समय पर पता ही नहीं चलता है। अगर कोई लगातार ब्लड प्रेशर को नजर अंदाज करके विशेषज्ञ से परामर्श नहीं लेता है, तो किडनी के करीब 50 प्रतिशत नेफरांस खत्म हो जाते हैं।
ऐसे में गुर्दे की आधे से ज्यादा क्रियाशीलता कम हो जाती है आैर वह फेल हो सकता है। केजीएमयू के डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान अकसर गर्भवती का रक्तचाप बढ़ जाता है। इसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन कहते हैं, परन्तु महिला को पहले से ही हाइपरटेंशन की समस्या है तो गर्भावस्था के दौरान यह समस्या कहीं ज्यादा दिक्कत बना सकती है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के पहले के वजन से दस किलो तक अधिक वजन बढ़ना सामान्य है, लेकिन अगर वजन इससे ज्यादा होता है तो यह परेशानी बढ़ा सकता है।
हाइपरटेंशन में बरतें सावधानी-
- तनाव से दूर रहें
- धूम्रपान न करें
- शराब का सेवन न करें
- नियमित व्यायाम कर मोटापे से दूर रहें
- खाने में ऊपर से नमक न लें
- ऑयली व फैटी फूड न लें
- परिवार में किसी को हाइपरटेंशन है तो खुद की नियमित जांच कराते रहें
- गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से बीपी की जांच कराएं
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