लखनऊ। यदि किसी को सांप ने किसी को डस लिया है, तो उसे तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए। जहर निकालने के लिए चाकू, ब्लेड आदि से प्रभावित हिस्से पर चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं है। न ही जहर को चूसकर बाहर निकालने की जरूरत होती है। सांप काटने वाले भाग को रस्सी से बांधना भी नहीं चाहिए, लेकिन अंग को ज्यादा हिलाने से जहर शरीर में तेजी से फैल सकता है, जिससे मरीज की जान का खतरा बढ़ सकता है। यह जानकारी केजीएमयू फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग की डॉ. शिउली ने दी।
वह बुधवार को केजीएमयू के फॉरेंसिक विभाग की ओर से टॉक्सिकोमेनियो पर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। सिधौली के हिम्मतनगर गांव में फॉरेंसिक विभाग की तरफ से जागरुकता कार्यक्रम का संचालन किया गया।
डॉ. शिउली ने बताया कि सिधौली व उसके आस-पास के इलाकों में करैटा प्रजाति के सांप का अधिक मिलता है। यह सांप रात में निकलकर सो रहे लोगों को काट लेता है। खास बात यह है कि सांप के काटने पर दर्द भी नहीं होता है। मच्छर के काटने पर पड़ने वाले निशान पड़ जाते है, जिसे लोग पहचाने में चूक करते हैं।
डॉ. शिउली ने बताया कि करैटा सांप इंसान के शरीर की गर्मी खींच आता है। यह गहरी नींद में सो रहे इंसान को काट लेता है। मरीज को सुबह उठने के बाद तमाम तरह की दिक्कत परेशानी होती है। समय पर इलाज से मरीज ठीक हो सकता है। इलाज में देरी मरीज की जिंदगी पर भारी पड़ सकता है।
डॉ. शिउली ने ग्रामीणों को बताया कि यदि सुबह उठने पर पेट में तेज दर्द हो रहा है। आंखों में भारीपन महसूस हो रहा है। धूंधला नजर आ रहा है। सांस लेने में परेशानी है। तो संजीदा हो जाना चाहिए। यह सांप के काटने का लक्षण हो सकता है।
उन्होंने बताया कि एंटी स्कैन वैनम चार प्रकार के सांप के जहर से खत्म करने में कारगर है। डॉ. शिउली ने बताया कि यदि फर्श या जमीन पर लेटने जा रहे हैं, तो मच्छरदानी सही तरीके से लगाकर सोएं। सांप भीतर नहीं जा सकता है। कार्यक्रम में फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सोलॉजी विभाग के संकाय सदस्य, रेजिडेंट्स डॉक्टर ने गांव के एक प्राथमिक विद्यालय का दौरा किया। इसमें ग्रामीणों को सांप के काटने, बिच्छू के डंक, मधुमक्खी के डंक, कृषि और अन्य घरेलू जहरों से बचाव और प्रबंधन के बारे में शिक्षित करना था।