लखनऊ। विश्वविद्यालय की परिधि में आने वाले प्रत्येक कालेज अपने कार्यक्षेत्र के नजदीक एक-एक गांव को गोद लेना चाहिए। उस गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र को सुविधा सम्पन्न बनाते हुए स्वस्थ्य भारत के निर्माण मे अपना योगदान देना चाहिए। यह बात प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने रविवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केन्द्र द्वारा अटल विहारी वाजपेयी कन्वेशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कही। केजीएमयू ने 6 से 12 मार्च तक अन्तर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजित किया है।
राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अधिक जोर देना चाहिए। जब ग्रामीण महिलायें सशक्त होंगी तो हमारा देश और भी आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता के लिए महिलाओं का जागृत होना जरूरी है। उसके विकास से परिवार आगे बढ़ता है, गांव आगे बढ़ता है और राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है।
उन्होंने कहा कि आगनबाड़ी केन्द्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
वहां पर आने वाली गर्भवती महिलाओं, किशोरियों तथा छोटे बच्चों की समय-समय पर चिकित्सीय परीक्षण किया जाना चाहिए, जिससे उनके स्वास्थ्य की उचित देखभाल की जा सके। राज्यपाल ने कहा कि उचित होगा कि विश्वविद्यालय की परिधि में आने वाले प्रत्येक महाविद्यालय अपने कार्यक्षेत्र के नजदीक एक-एक गांव को गोद लें तथा उस गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र को सुविधा सम्पन्न बनाये। इसके साथ ही कालेज अपने विद्यार्थियों की टोली बनाकर आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों के पठन-पाठन एवं उनके स्वास्थ्य के बारे में अध्ययन करें तथा आवश्यकतानुसार सहयोग करें।
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राज्यपाल ने राजभवन में चल रही शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी की चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को, खासकर अपनी बेटियों को सलाद का सेवन अवश्य करायें, क्योंकि बेटियों का स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है। बच्चों को बचपन से ही शाकभाजी खिलाने पर जोर दें।
इस अवसर पर राज्यपाल ने महिला अध्ययन केन्द्र की महिलाओं को अच्छे कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र तथा संविदा कर्मियों के बच्चों को पौष्टिक आहार और बैग वितरित किया। इसके अलावा कंवेशन सेंटर में महिला सशक्तीकरण पर लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर केजीएमयू के कुलपति ले. जनरल (डा.) विपिन पुरी ने विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे महिला अध्ययन केन्द्रों की विभिन्न क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए बताया कि अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से नजदीकी गांव में महिलाओं एवं बच्चों के लिए विभिन्न स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिसके सार्थक परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं।
कार्यक्रम में डीन रिसर्च प्रो. शैली अवस्थी, महिला अध्ययन केन्द्र की को-अर्डिनेटर पुनीता मनिक, प्रो. उमा सिंह एवं अन्य वरिष्ठ डाक्टर मौजूद थे।